सारा देश दहशत में था .भारत के सर्वाधिक सम्मानित नेता देश के सुरक्षा संबंधी गुप्त दस्तावेज दुश्मन देश को सौंपते हुए कैमरे में कैद कर लिए गये थे . मीडिया में देश के खिलाफ इस प्रकार के षड्यंत्र में नेता जी के लिप्त होने को लेकर गरमागरम बहस चालू थी . जिस टी वी चैनल ने यह स्ट्रिंग आपरेशन किया था , वह बार-बार उन दृश्यों को जनता के सामने परोस रहा था .या सीधे -सीधे देश-द्रोह का मामला था अनेक चैनेल इस विषय पर सीधे नेता जी से सम्पर्क कर उनकी ज़ुबानी सारा सत्य उगलवाना चाहते थे . नेता जी इन सब घमासानो से मुक्त अपने प्रासाद में आराम फरमा रहे थे . उडती हुयी खबर यह भी थी की वे ताराबाई का मुजरा देख रहे थे . उनके घर के बाहर विरोधी पार्टी के लोग धरने पर बैठे इस बात का विरोध का रहे थे कि उन्होंने कौड़ियों के मोल सरकारी जमीन अपने परिवार जनों के नाम से खरीदी है और आय से अधिक संपत्ति के मालिक हैं और इन आरोपों की जांच होनी चाहिये. लेकिन अब इस नए मुद्दे ने आग में घी डालने का कार्य किया .अब तो नेता जी को गिरफ्तार करने की मांग उठने लगी . काफी थुक्का-फजीहत के बाद अंततः नेता जी टी वी चैनल की मार्फ़त देश की जनता से रूबरू हुये .
संचालक के प्रश्न पर उन्होंने चिरपरिचित अंदाज में अपनी मुस्कान बिखेरी और हाथ जोड़ कर बड़ी मासूमियत से बोले –‘ मैं देश की जनता को प्रणाम करता हूँ , ये टी वी वाले सारे दिन से जाने क्या अनाप –शनाप आपको दिखाय रहे हैं , अरे ये स्टिंग-विस्टिंग क्या चीज है भाई . आज टेक्नालाजी कितना बढ़ गयी है . जिसके खिलाफ चाहो कुछ भी तस्वीर दिखाय दो . यह पब्लिक है यह सब जानती है कि कितना पायरेटेड काम होता है . हम तो कहते है यह विरोधी पार्टी का हमारे खिलाफ षड्यंत्र है . हमारी लोकप्रियता उनका पच नाही रही है . हम ऐसी हरकत बर्दाश्त नाही करेंगे . हम इस षड्यंत्र की जांच करायेंगे . दूध का दूध और पानी का पानी हो के रहेगा. आप लोग थोड़ा सबर से काम लीजिये. जय हिन्द !’
(मौलिक व अप्रकाशित ))
Comment
आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , बहुत सही बात आपने कथा मे उठाई है , सच मे यही हो रहा आजकल । हार्दिक बधाई आपको !
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