For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सूर्य ने छाया को ठगा .......

नव गीत
सूर्य ने
छाया को ठगा |


काँपता थर.थर अँधेरा
कोहरे का है बसेरा
जागता अल्हड़ सवेरा
किरनों ने
दिया है दग़ा |


रोशनी का दीपकों से
दीपकों का बातियों से
बातियों का ज्योतियोँ से
नेह नाता
क्यों नहीं पगा |


छाँव झीनी काँपती सी
बाँह धूपिज थामती सी
ठाँव कोई ताकती सी
अब कौन है
किसका सगा

......आभा

प्रस्तुत  नव गीत  अप्रकाशित एवं मौलिक है .....आभा 

Views: 547

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on July 28, 2016 at 8:37am

वाह ! बहुत सुंदर भावपूर्ण नवगीत. बहुत-बहुत बधाई.सादर.

Comment by Abha saxena Doonwi on July 27, 2016 at 8:37am

आदरणीय  Shyam Narayan Verma जी बहुत बहुत  आभार ....आपकी  प्रतिक्रिया से  मेरा सृजन सफल हुआ ..ऐसे ही स्नेह भाव बनाये रखियेगा ...

Comment by Abha saxena Doonwi on July 27, 2016 at 8:36am

आदरणीय Sushil Sarna  जी बहुत बहुत  आभार ....आपकी  प्रतिक्रिया से  मेरा सृजन सफल हुआ ..ऐसे ही स्नेह भाव बनाये रखियेगा ...

Comment by Abha saxena Doonwi on July 27, 2016 at 8:35am

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी बहुत बहुत  आभार ....आपकी  प्रतिक्रिया से  मेरा सृजन सफल हुआ ..ऐसे ही स्नेह भाव बनाये रखियेगा ...

Comment by Abha saxena Doonwi on July 27, 2016 at 8:34am

आदरणीय सुरेश कुमार जी बहुत बहुत  आभार ....आपकी  प्रतिक्रिया से  मेरा सृजन सफल हुआ ..ऐसे ही स्नेह भाव बनाये रखियेगा ...

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on July 26, 2016 at 8:13pm
आदरणीया आभा जी बहुत ही सुन्दर सृजन किया है, बधाई हो ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 26, 2016 at 5:36pm

आदरणीया आभा जी , प्रस्तुति के लिये हार्दिक बधाई , गीत की रचना अच्छी हुई है ।

Comment by Sushil Sarna on July 26, 2016 at 3:40pm

आदरणीया जी  इस  सुंदर और भावपूर्ण नव गीत के सृजन के लिए हार्दिक बधाई। 

Comment by Shyam Narain Verma on July 26, 2016 at 11:52am
बहुत सुंदर नवगीत...बहुत-बहुत बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
3 hours ago
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
22 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
22 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service