Comment
आदरणीय सतविन्द्र कुमार जी सादर, हरिगीतिका पर सुंदर गीत रचा है आपने.बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. इंगित पंक्ति को छोड़ दें तो हर बंद बहुत सुंदर है. सादर.
आदरणीय सतविन्द्र जी, आपकी कोशिश प्रभावित तो करती ही है, आपका यह एकनिष्ठ प्रयास आश्वस्तकारी भी है. आपजिस तरह से छन्दों के साँचे में भाव-भावनाओं को संयोजित करने लगे हैं यह आपकी रचना-प्रक्रिया में अपनायी गयी गंभीरता का सूचक है.
यह आवश्य है कि कुछ शब्दों का आग्रह कई बार विवशता को भी ज़ाहिर करता है.
जैसे, कमजोर उनको मानते अब तक चले हैं जी सभी.. यहाँ ’जी’ का बलात प्रयोग स्पष्ट दिख रहा है.
या फिर, जीवन उन्हीं से है चला वे ही सही आधार हैं .. तो अब कोई अन्य विकल्प भी उपलब्ध है क्या ? नहीं न ! इस पंक्ति को फिर यों करें हम - जीवन उन्हीं से चल रहा वे ही सबल आधार हैं.. भाव और कारण दोनों कुछ हद तक सहज ढंग से प्रस्तुत हुए दिख रहे हैं.
इसी तौर पर रचनाओं के शब्दों का चयन और प्रयोग होना उचित होता है.
हर लक्ष्य पाकर तब बढ़ा ये देश की शान दें ... इस पंक्ति की ओर अन्य सुधीजनों ने इशारा किया ही है.
यह अवश्य है कि आपकी रचना प्रक्रिया से मन प्रसन्न है.
सादर
अच्छा प्रयास .
आदरनीय सतविन्द्र भाई , नारी के सम्मान मे बहुत बढिया छंद रचना हुई है । हार्दिक बधाई आपको ।
हर लक्ष्य पाकर तब बढ़ा ये देश की शान दें -- इस पंक्ति को एक बार जाँच लीजियेगा
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online