हिंदी दिवस की शुभ कामनाओं के साथ कुछ दोहे -
हमें बढ़ाना मान (दोहे)
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हिंदी में साहित्य का, बढ़ा खूब भण्डार
हम संस्कृति का देखते, शब्दों में श्रृंगार |
कविता दोहा छंद में, सप्त सुरों का राग
गीत गीतिका छंद में, भरें प्रेम अनुराग |
अपनी भाषा का सदा, उन्नत रखना भाल
हिंदी भाषा का नहीं, कोई यहाँ अकाल |
जन प्रतिनिधि रहते सदा,क्यों हिंदी से दूर
घर घर में जब बोलते, हिंदी में भरपूर |
भाषा की सम्पन्नता, है हिन्दी की शान
हिंदी में ही बोलकर, हमें बढ़ाना मान |
राष्ट्र संघ में बोलकर, दिखा चुके जज्बात ,
हीन भाव लाये बिना, हो हिंदी में बात |
भाषा की सम्पन्नता, इसकी अब पहचान,
जग की भाषा बन सके, इतनी क्षमतावान |
हिंदी का उत्सव मने, काव्य भरे आनंद
नवरस में पहचानते, हिंदी में ही छंद |
एक अरब समझें यहाँ,हिन्दी में संवाद,
करते साठ करोड़ है, हिंदी में फ़रियाद |
हृदय बसी हिंदी यहाँ,सुनों गान भरपूर,
सरल सहज हिंदी लगे, जनवाणी में नूर |
(अप्रकाशित एवं मौलिक)
- लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला
Comment
क्या बात ! अति सुन्दर दोहे ..बहुत बहुत बधाई | सादर
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