For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कोई राधा हुई दीवानी क्या (ग़ज़ल 'राज' )

2122  1212  22

जिन्दगी की नई कहानी क्या

हर कोई जानता बतानी क्या

 

मौत  के सामने कोई बचपन

या बुढ़ापा भला जवानी क्या

 

होंसलों से उगा शज़र उसको

ख़ास आबो हवा या पानी क्या

 

तिश्नगी इक नदी बुझाती थी

आज सहरा में है निशानी क्या 

 

कृष्ण देखा है आज क्या तुमने

कोई राधा हुई दीवानी क्या

 

फूल अगर हैं वतन के गुलशन के

फिर हरे और जाफ़रानी क्या

 

गर हो नाज़िम ही कान के कच्चे

सामने उन के हकबयानी क्या

 

आईना हू ब-हू दिखाता है   

‘राज’ उसमे है बदगुमानी क्या 

-------मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 942

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 10, 2016 at 11:20am

आद० अनीता मौर्या जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by Anita Maurya on December 10, 2016 at 10:13am

वाह.... बहुत खूब ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 7, 2016 at 6:04pm

आद० नरेन्द्र सिंह जी, आपका बहुत बहुत आभार .

Comment by narendrasinh chauhan on December 7, 2016 at 5:51pm

खूब सुन्दर रचना

Comment by Samar kabeer on December 6, 2016 at 8:43pm
बहना, मेरे कहे को मान देने के लिये धन्यवाद ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 6, 2016 at 5:17pm

आद० समर भाई जी ,आपका पुन: बहुत बहुत शुक्रिया मिसरे को आपके अनुसार संशोधित कर लूँगी |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 6, 2016 at 5:16pm

आद०  महेंद्र कुमार जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई उत्साह वर्धन के लिए  दिल से आभारी हूँ |

Comment by Samar kabeer on December 6, 2016 at 4:55pm
'क़ाज़ी' भी अच्छा है,लेकिन 'निज़ामी'से बहुत क़रीब 'नाज़िम'है, इसलिये मैं नाज़िम वाले मिसरे की विकालत करता हूँ बहना ।
Comment by Mahendra Kumar on December 6, 2016 at 4:02pm
आदरणीय राजेश मैम, इस बढ़िया ग़ज़ल के लिए शेर दर शेर दाद क़ुबूल कीजिए। आदरणीय समर ने निज़ामी शब्द के प्रति जो ज्ञानवर्द्धन किया है इसके लिए उनका बहुत-बहुत शुक्रिया। सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 6, 2016 at 2:54pm

आद० मिथिलेश भैया ,आपको ग़ज़ल पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभारी हूँ |समर भाई जी हमेशा बेहतर मार्गदर्शन करते हैं |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service