For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरे दिल के जज़्बात साथ नहीं देते हैं
और आँसू भी अपनी बात कहते हैं ।

ना जाने नम सी आँखें रहती हैं
और दर्द की पीर आँखें सहती हैं
देखकर बेवफाई यह रोती है
तन्हाई के हर सितम सहती हैं ।

रात की अँधियारी में कभी रोती हैं
कभी काँधे पे सर रख सोती हैं
अश्क बन जब जब दिखाई देतीं हैं
सारा जग समेट अपने में भर लेतीं है ।

दर्द का दरिया आँखों को कहते हैं
आँखों से ही तो इशारे किया करते हैं
सूनी सूनी सी गलियारी है दिल की
हर गलियारी का पता बता देतीं है ।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 530

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 18, 2017 at 12:52pm

बहुत अच्छी नज्म कही है आपने प्रिय कल्पना जी दिल से बधाई लीजिये .दूसरी पंक्ति में नहीं टाइप होने से रह गया है देख लीजिये 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on December 28, 2016 at 8:49pm
आदाब जनाब समर साहब । जी सर ।
Comment by Samar kabeer on December 28, 2016 at 8:28pm
मोहतरमा कल्पना भट्ट साहिबा आदाब,नज़्म कहने की अच्छी कोशिश हुई है,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
कुछ पंक्तियों में टाइपिंग मिस्टेक देखियेगा ।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on December 28, 2016 at 7:26pm
धन्यवाद आदरणीय सुरेन्द्रनाथ जी ।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on December 28, 2016 at 7:25pm
धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश सर जी ।
Comment by नाथ सोनांचली on December 28, 2016 at 6:52pm
आद0 कल्पना भट्ट जी बेहतरीन सृजन के लिए बधाई।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 28, 2016 at 6:50pm

आदरणीया कल्पना जी, नज़्म का बढ़िया प्रयास हुआ है. इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service