बहर 1222 1222 1222 1222
करें स्वागत सभी मिल के, नये इस वर्ष सतरह का;
नये सपने नये अवसर, नया ये वर्ष लाएगा।
करें सम्मान इसका हम, नई आशा बसा मन में;
नई उम्मीद ले कर के, नया ये साल आएगा।
मिला के हाथ सब से ही, सभी को दें बधाई हम;
जहाँ हम बाँटते खुशियाँ, वहीं बाँटें सभी के ग़म।
करें संकल्प सब मिल के, उठाएँगे गिरें हैं जो;
तभी कुछ कर गुजरने का, नया इक जोश छाए गा।
दिलों में मैल है बाकी, पुराने साल का कुछ गर;
मिटाएँ उसको पहले हम, नये रिश्तों से सब जुड़ कर।
कसक मन की मिटा करके, दिखावे को परे रख के;
दिलों की गाँठ को खोलें, तभी नव वर्ष भाएगा।
गरीबी ओ अमीरी के, मिटाएँ भेद भावों को;
अशिक्षित ना रहे कोई, करें खुशहाल गाँवों को।
'नमन' नव वर्ष में जागें, ये' सपने सब सजा दिल में;
तभी ये देश खुशियों के, सुहाने गीत गाएगा।
मौलिक व अप्राकाशित
Comment
गीत का मुखड़ा ऐसे भी किया जा सकता है जिससे प्रस्तुति के मुक्तक होने का भ्रम नहीं होता और टेक का चयन भी पाठक स्वयं कर लेता है-
करें स्वागत सभी मिल के,
नये इस वर्ष सतरह का;
नई आशा लिए मन में नया ये साल आएगा।
नये सपने नये अवसर, नया पैगाम लाएगा।
सादर
नव वर्ष के लिए अच्छा संदेश दिया है। बधाई, आदरणीय बासुदेव जी।
आदरणीय वासुदेव भाई , नये साल पर अच्छी , प्रेरक रचना हुई है , हार्दिक बधाइयाँ । मुझे भी ये रचना गीत ही लग रही है , आदरनीय ।
आदरणीय बासुदेव जी, नव वर्ष पर बढ़िया गीत लिखा है आपने. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। सादर।
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