For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कसमें चलो मासूम लें ....गीत /डॉ० प्राची

लिख दें इबारत इश्क की, 
आओ ज़रा सा झूम लें..

इक दूसरे को जी सकें, कब वक़्त ही इतना मिला 
बस दूरियाँ थामे रहीं नज़दीकियों का सिलसिला,
कुछ पल मिले हैं साथ के आओ इन्हें जी लें अभी 
हमको मिलें ये पल न जाने ज़िंदगी में फिर कभी,

ले उँगलियों में उँगलियाँ 
आओ ज़रा सा घूम लें ...

लिख दें...

जब प्यार के एहसास के पहलू कई हैं अनछुए 
क्यों पूछते हैं आप फिर गुमसुम भला हम क्यों हुए ?
सपने हमारे अश्क़ बन बहने लगें तो क्या करें 
जब अनसुनी हर बात हो तो हौसला कैसे धरें ?

अब छोड़ कर शिकवे गिले 
क़समें चलो मासूम लें।
लिख दें ...

लब कँपकपा कर थम गए, ख़ामोशियाँ कहने लगीं,
नज़रें मिलीं पलकें गिरीं, सरगोशियाँ बहने लगीं,
जब धड़कनों की ताल पर हर साँस का संगीत है,
तब क्या सही औ' क्या गलत, जो हो रहा है रीत है,

दिल चाहता है आज फिर 
थामें हथेली चूम लें।
लिख दें ...

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 636

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 9, 2017 at 7:11am

आदरनीया प्राची जी , खूब सूरत प्रेम गीत के लिये आपको हार्दिक बधाई ।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on April 7, 2017 at 7:06am

वाह वाह..
बहुत खूब गीत बना है ..
बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 6, 2017 at 6:27pm

सुंदर गीत लिखा प्रिय प्राची जी बहुत बहुत बधाई |

Comment by Mohammed Arif on April 5, 2017 at 9:58pm
आदरणीया प्राची सिंह जी आदाब, प्यार के रंग में शिद्दत से डूबे इस गीत लिए हार्दिक बधाई । सच्चा प्यार आज सबको कहाँ नसीब है, खुश नसीब होते हैं वो जो सच्चे प्यार का निर्वाह करते हैं ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
19 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
19 hours ago
Tilak Raj Kapoor updated their profile
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
19 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
19 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
19 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service