“आंटी जी, अगर उस दिन आप ने मेरे सर पर हाथ न रखा होता तो पता नहीं मैं कहाँ होती”
“कीमत तो वो मेरी पहले ही लगा चुके थे,उस रोज़ तो बस पैसे देने ही आए थे ”।
“मुझ को तो कुछ पता ही नहीं चलने दिया था” ऋतू ये कहती जा रही थी।
“ये तो भला हो, मेरे साथ डांस पार्टी में काम करने वाली सुनीता का,
"उस बता दिया मुझको कि मालिक तो मेरे पैसे ले रहा हैं, कल तुम किसी और डांस पार्टी में काम करोगी "
"तब मुझे आप के पास तो आना ही था, आंटी जी"
“घर से तो अमली ने पहले ही निकाल रखा था, बच्चा ले कर जाती भी और कहाँ ?”ऋतू ने कहानी को बढ़ाते हुए कहा।
“चल कोई नहीं अब तुम चाए पी और भूल जा सब कुछ, रोज़ कहानी सुनाने का क्या फायदा, अब तुम आंटी के पास ही रहना है” रज्जो ने कहा ।
चाय पी कर अभी उस ने कप्प रखा था, कि बाहर इक मोटर साईकल आ कर रुका।
बैठक का बाहर की तरफ का दरवाज़ा खुला और ऋतू उठी और बैठक में चली गई।
और दोनों दरवाज़े बंद हो गए ।
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
आदरणीय मोहन बेगोवाल जी, आप बस हिंदी में लिखी गयी कथाएँ पढ़ते रहें. यह समस्या अपने आप दूर हो जाएगी. मैं कोशिश करता हूँ कि ओबीओ पर पोस्ट सभी रचनाओं को अवश्य पढूँ पर समयाभाव के कारण ऐसा नहीं हो पाता. आपने कहा है तो आपके द्वारा पोस्ट की गयी दूसरी रचना मैं अवश्य पढूँगा. आप निश्चिंत रहें. सादर.
धन्यवाद महिंद्र जी, आगे से ऐसा करने की कोशिश करेंगे। मेरी अब की गई पोस्ट लघु कथा के बारे अपने बहुमूल्य विचार देना। बात ये भी है कि मैं पंजाबी भाषा का स्टूडेंट हूँ, जिस लिए भी मुझे ये समस्या आ रही और दूसरा मेहनत भी कम करता हूँ ।
मेरे कहे को मान देने का शुक्रिया आदरणीय मोहन बेगोवाल जी. आपकी इस संशोधित रचना को पढ़ने के बाद मुझे ऐसा लग रहा है कि आप या तो रचनाएँ सीधे ही ओबीओ पर लिख कर पोस्ट करते हैं अथवा यदि किसी अन्य सॉफ्टवेयर में लिखते हैं तो उसे बार-बार न पढ़ कर एक-आध बार ही पढ़ते हैं. ऐसा इसलिए कि जिन बिन्दुओं में आपने सुधार की कोशिश की है वो ठीक से हुए नहीं जैसे इनवर्टेड कॉमा वाला. इससे बचने का सबसे बढ़िया तरीका यही है कि आप अपनी रचना पहले किसी अन्य सॉफ्टवेयर जैसे वर्ड या नोटपैड आदि में टाइप करें (यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो) और फिर उसे कई बार पढ़ जाएं. इससे बहुत सी कमियाँ आपको स्वयं ही पकड़ में आ जाएंगी. इसके अतिरिक्त इस मंच पर प्रस्तुत (या अन्य कहीं भी उपलब्ध) अन्य लघुकथाओं को भी अनिवार्यतः पढ़ें. यह एक अचूक तरीका है. प्रयास यूँ ही सतत बना रहे. बहुत-बहुत शुभकामनाएँ. सादर.
बंद दरवाजे
"आंटी जी, अगर उस दिन आप ने मेरे सर पर हाथ न रखा होता तो पता नहीं मैं कहाँ होती। कीमत तो वो मेरी पहले ही लगा चुके थे, उस रोज़ तो बस पैसे देने ही आए थे। मुझ को तो कुछ पता ही नहीं चलने दिया था।” ऋतू ये कहती जा रही थी।
“भला हो मेरे साथ डांस पार्टी में काम करने वाली सुनीता का, "उसने बता दिया मुझको कि मालिक तो मेरे पैसे ले रहा हैं, कल तुम किसी और डांस पार्टी में काम करोगी "
"तब मुझे आप के पास तो आना ही था, आंटी जी"
“घर से तो अमली ने पहले ही निकाल रखा था, बच्चा ले कर जाती भी तो कहाँ ?”ऋतू ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा।
"चलो कोई नहीं, अब तुम चाय पी और भूल जा सब कुछ। रोज़ कहानी सुनाने का क्या फायदा? अब तुम्हें आंटी के पास ही रहना है।” रज्जो ने कहा।
चाय पी कर अभी उस ने कप रखा था, कि बाहर इक मोटर साईकल आ कर रुकी।
बैठक का बाहर की तरफ का दरवाज़ा खुला और ऋतू उठी और बैठक में चली गई।
और दोनों दरवाज़े बंद हो गए ।
"मौलिक व अप्रकाशित"
आदरनीय महिंद्रा जी, आप जी ने मेरी लघुकथा की तनकीद की बहुत अच्छा लगा। आप ने गलतियाँ को बताया मेहरबानी, आगे से हम ध्यान रखेंगे, भविष्य में भी रहिनुमाई करंगे तो अच्छा लगेगा।
आदरणीय मोहन बेगोवाल जी, लघुकथा का बढ़िया प्रयास है. मेरी तरफ से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. कुछ बातें आपसे साझा करना चाहूँगा.
1. यदि संवाद एक ही पात्र द्वारा बोला जा रहा हो तो उसे एक ही इनवर्टेड कॉमा के अन्दर रखें. ऐसा न करने से पाठक को पढ़ने में परेशानी आती है और कथा में अस्पष्टता.
उदाहरण : //“आंटी जी, अगर उस दिन आप ने मेरे सर पर हाथ न रखा होता तो पता नहीं मैं कहाँ होती”
“कीमत तो वो मेरी पहले ही लगा चुके थे,उस रोज़ तो बस पैसे देने ही आए थे ”।
“मुझ को तो कुछ पता ही नहीं चलने दिया था” ऋतू ये कहती जा रही थी।//
मेरी समझ से ये सभी संवाद एक ही पात्र ऋतू द्वारा बोले जा रहे हैं. अतः इन्हें इस तरह से प्रस्तुत किया जाना चाहिए :
"आंटी जी, अगर उस दिन आप ने मेरे सर पर हाथ न रखा होता तो पता नहीं मैं कहाँ होती। कीमत तो वो मेरी पहले ही लगा चुके थे, उस रोज़ तो बस पैसे देने ही आए थे। मुझ को तो कुछ पता ही नहीं चलने दिया था।” ऋतू ये कहती जा रही थी।
2. वर्तनीगत त्रुटियों से बचें.
उदाहरण : ऋतू/ऋतु (यद्यपि यह संज्ञा है इसलिए आपको यहाँ छूट है कि आप वर्तनी कुछ भी रख सकते हैं.), कप्प/कप.
3. लिंग का विशेष ध्यान रखें.
उदहारण : //बाहर इक मोटर साईकल आ कर रुका।// "बाहर इक मोटर साईकल आ कर रुकी।//
4. एक ही वाक्य में कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को संबोधित करने के लिए सामान्यतः 'तू', 'तुम' या 'आप' में से किसी एक का ही प्रयोग करेगा.
उदाहरण : //चल कोई नहीं अब तुम चाए पी और भूल जा सब कुछ, रोज़ कहानी सुनाने का क्या फायदा, अब तुम आंटी के पास ही रहना है” रज्जो ने कहा ।//
"चल कोई नहीं, अब तू चाय पी और भूल जा सब कुछ। रोज़ कहानी सुनाने का क्या फायदा? अब तुझे आंटी के पास ही रहना है।” रज्जो ने कहा। या "चलो कोई नहीं, अब तुम चाय पियो और भूल जाओ सब कुछ। रोज़ कहानी सुनाने का क्या फायदा? अब तुम्हें आंटी के पास ही रहना है।” रज्जो ने कहा।
5. सर्वनाम पर भी अवश्य ध्यान दें.
उदाहरण : (1) //भला हो, मेरे साथ डांस पार्टी में काम करने वाली सुनीता का, "उस बता दिया मुझको// "भला हो मेरे साथ डांस पार्टी में काम करने वाली सुनीता का, उसने बता दिया मुझको"
ढेरों शुभकामनाएँ. सादर.
समर जी , हौंसला बढ़ाने के लिए धन्यवाद
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