For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तरही गजल (मुहब्बत में अगर कोई कभी बीमार हो जाये)

बह्र 1222 1222 1222 1222

कहीं जो खेत में कमबख्त खरपतवार हो जाये
जमीं हो लाख उपजाऊ मग़र बेकार हो जाये

ज़रा सच से अगर जो रूबरू अखबार हो जाये
जगे जनता वतन की और सज़ग सरकार हो जाये

कोई घर मे अगर जयचंद सा गद्दार हो जाये
इरादे हों भले मजबूत फिर भी हार हो जाये

दवा भी बेअसर हो वैद्य भी लाचार हो जाये
मुहब्बत में अगर कोई कभी बीमार हो जाये

करें सहयोग माँ के साथ जो सब घर के कामों में
तो फिर उसके लिये भी एक दिन इतवार हो जाये

किसी के हाल पर हँसने से पहले सोच ले नादाँ
कहीं तू ख़ुद न इन हालात से दो चार हो जाये

जमीं और आसमाँ को बाँटने वालों जरा सोचों
न हो ऐसा खड़ी हर इक जगह दीवार हो जाये

छिपाते हैं अबस ही लोग बालों की सफ़ेदी को
*बुरा क्या है हकीकत का अगर इज़हार हो जाए*

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 978

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on May 26, 2017 at 4:49am
आद0 आशुतोष जी सादर नमन, आपके हौसला अफजाई के लिए अतिशय आभार। आपका सुझाव उत्तम है
Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 25, 2017 at 6:48pm
आदरणीय सुरेन्द्र जी इस शानदार प्रस्तुति पर ढेर सारी बधाई स्वीकार करें सादर सही हो जरूरी नहीं पर मन में बिचार उठा तो लिख रहा हूँ कही जो खेत में,,क्या सही नहीं रहेगा
Comment by नाथ सोनांचली on May 24, 2017 at 9:30pm
आद0 बृजेश कुमार जी सादर अभिवादन, ग़ज़ल पर मेरे हौसले को बढ़ाती इस प्रतिक्रिया के लिए आभार।
Comment by नाथ सोनांचली on May 24, 2017 at 9:29pm
आद0 अनुराग वशिष्ट जी सादर अभिवादन, आपकी गहरायी से ग़ज़ल पर शिरकत और हौसला अफजाई के लिए कोटिश आभार। अभी गलती सुधार लेता हूँ। सादर
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on May 24, 2017 at 7:56pm
वाह आदरणीय सुरेन्द्र जी वाह.. एक से बढ़कर एक शे'र लाजबाब ग़ज़ल हुई..सादर
Comment by Gajendra shrotriya on May 23, 2017 at 8:26pm
आभार सभी प्रबुद्धजनो का कुछ बिंदुओं पर मेरे अवधान को चेतन्य करने के लिए।
मैं भी सीखने की प्रक्रिया में हूँ। आदरणीय सुरेन्द्रजी की प्रस्तुत गज़ल अच्छी लगी तो कुछ सुझाव दे दिए। किसी के खूबसूरत अशआर का कबाड़ा करना मेरा मकसद नही था। औपचारिक वाहवाह करना न तो मेरी आदत है और न ही इस मंच की परंपरा। सभी का शुभ हो। सादर।
Comment by नाथ सोनांचली on May 23, 2017 at 7:00pm
आद0 भाई नीलेश जी सादर अभिवादन, हौसला अफजाई के लिए शुक्रिया
Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 23, 2017 at 6:57pm

आ. सुरेन्द्र नाथ सिंह साहब,
बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है ...बहुत बहुत   बधाई 

Comment by नाथ सोनांचली on May 23, 2017 at 6:21pm
गजेंद्र जी अवाम शुद्द शब्द है न कि आवाम, सादर
Comment by नाथ सोनांचली on May 23, 2017 at 6:19pm
आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम। आपके उचित मार्गदर्शन और इस्लाह की हम जैसे को हमेशा जरूरत होती है। आप यूँही स्नेह प्यार बनाये रखें। सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service