For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो हमारा आइना हो जाएगा ।

2122 2122 212

वो हमारा आइना हो जाएगा ।
सच कहूँ दिल का खुदा हो जाएगा ।

हैं विचाराधीन सारे जुर्म क्यों ।
वह इलेक्शन में खड़ा हो जाएगा ।।

देखना तुम भी इसी बाजार में ।
सच भी कोई मकबरा हो जाएगा ।।

फैसले होंगे उसी के हक़ में अब ।
हाकिमों से मशबरा हो जाएगा ।।

इस सियासत में कोई जल्लाद भी ।
जिंदगी का रहनुमा हो जाएगा ।।

फिर कहर ढाने लगा है वह शबाब ।
हुस्न पर कोई फ़ना हो जाएगा ।।

शरबती आंखों की हरकत देख कर ।
यह मुसाफ़िर गमज़दा हो जाएगा ।।

रिंद चर्चा कर रहे हैं आपकी ।
आपका घर मैकदा हो जाएगा ।।

चन्द लम्हा ही सही पर एक दिन ।
तू हमारा हौसला हो जाएगा ।।

बेवफा पर कर लिया मैंने यकीन ।
क्या खबर थी बावफ़ा हो जाएगा ।।


नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
कॉपी राइट

Views: 511

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2017 at 6:21pm
आ0 मुहम्मद आरिफ साहब सादर आभार ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2017 at 6:19pm
आ0 कल्पना भट्ट जी सादर आभार ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2017 at 6:19pm
आ0रवि शुक्ला जी सादर आभार ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2017 at 6:18pm
आ0 लक्ष्मण धामी साहब सादर आभार
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on July 16, 2017 at 4:34pm

सुंदर ग़ज़ल कही है आपने आदरणीय नविन मणि जी हार्दिक बधाई |

Comment by Ravi Shukla on July 11, 2017 at 2:36pm

आदरणीय नवीन मणि जी बहुत बढि़या अशआर कहे आपने दिली बधाई स्‍वीकार करें

हैं विचाराधीन सारे जुर्म क्यों ।
वह इलेक्शन में खड़ा हो जाएगा ।। अच्‍छी चेतावनी दी है आपने

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 10, 2017 at 11:13pm
आ.नवीनमणि जी सुन्दर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।
Comment by Mohammed Arif on July 10, 2017 at 2:12pm
वो हमारा आइना हो जाएगा ,
सच कहूँ दिल का खुदा हो जाएगा । वाह!वाह!! बहुत ख़ूब ।
शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन भाईजी,  प्रस्तुति के लिए हार्दि बधाई । लेकिन मात्रा और शिल्पगत त्रुटियाँ प्रवाह…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी, समय देने के बाद भी एक त्रुटि हो ही गई।  सच तो ये है कि मेरी नजर इस पर पड़ी…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, इस प्रस्तुति को समय देने और प्रशंसा के लिए हार्दिक dhanyavaad| "
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपने इस प्रस्तुति को वास्तव में आवश्यक समय दिया है. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी आपकी प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. वैसे आपका गीत भावों से समृद्ध है.…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्र को साकार करते सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
18 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंद +++++++++ धोखेबाज पड़ोसी अपना, राम राम तो कहता।           …"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"भारती का लाड़ला है वो भारत रखवाला है ! उत्तुंग हिमालय सा ऊँचा,  उड़ता ध्वज तिरंगा  वीर…"
yesterday
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"शुक्रिया आदरणीय चेतन जी इस हौसला अफ़ज़ाई के लिए तीसरे का सानी स्पष्ट करने की कोशिश जारी है ताज में…"
yesterday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"संवेदनाहीन और क्रूरता का बखान भी कविता हो सकती है, पहली बार जाना !  औचित्य काव्य  / कविता…"
Friday
Chetan Prakash commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"अच्छी ग़ज़ल हुई, भाई  आज़ी तमाम! लेकिन तीसरे शे'र के सानी का भाव  स्पष्ट  नहीं…"
Thursday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service