१
आया सावन
बोले मयूरा सुनो
उसकी बोली |
२
गरज गए
बादल सावन के
नाचो औ गाओ |
३
गीत कोई तो
सुना दो सावन के
मनवा डोले |
४
मधुर गीत
गाती जब सखियाँ
पिया पुकारें |
५
हरित धरा
कहती कुछ कुछ
सुनो तो सही |
६
चमके जब
बिजली डर लागे
ढूँढे पिया को |
७
कागज़ नाव
इत उत तैरती
बच्चे बनेंगे |
८
यह सावन
अलग तो नहीं है
लगता नया |
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
सादर धन्यवाद आदरणीय ओम प्रकाश जी |
आदरणीय कल्पना भट्ट जी बहुत सुंदर हाइकू लिखे हैं आप ने . बधाई
धन्यवाद् आदरणीय विजय निकोरे जी |
धन्यवाद आदरणीय गिरिराज सर जी |
धन्यवाद् आदरणीय नरेन्द्रसिंह जी |
धन्यवाद् आदरणीय रवि शुक्ल जी |
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई, आदरणीया कल्पना जी।
आदरणीया कल्पना जी , बढिया हाइकु रचे हैं .. हार्दिक बधाइयाँ ।
आदरणीया,सुंदर हाइकू की प्रस्तुतति
आदरणीया कल्पना जी सुंदर हाइकू की प्रस्तुतति हुई है बधाई स्वीकार करें
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