16 मात्रा आधारित गीत (चोपाई छन्द आधारित )
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कोमल स्पंदन मन चिर उन्मन
रे स्याह भौंर गुंजन गुंजन
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किसलय पुंजित ह्रदय हुलसित
उत्कंठा इंद्रजाल पुलकित
नित भोर भये चिर कोकिल-रव
मधु कुंज कुंज गुंजित कलरव
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रे गंध युक्त मसिमय अंजन
रे स्याह भौंर गुंजन गुंजन
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घनघोर घटा चितचोर विहग
नभ अंतःपुर द्युतिमान सुभग
अकलुष प्रदीप्त कोमल उज्ज्वल
तप नेह वेदना में प्रतिपल
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रे स्वर्ण स्वर्ण हो व्याकुल मन
रे स्याह भौंर गुंजन गुंजन
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उन्मत्त भोर भीगी मुकुलित
उद्विग्न है संध्या तट कुसुमित
आसक्त मौन उत्कंठातुर
चल रे चल आतुर मन निष्ठुर
.
रे रीत मुक्त प्रीती बंधन
रे स्याह भौंर गुंजन गुंजन
.
कोमल स्पंदन औ चिर उन्मन
रे स्याह भौंर गुंजन गुंजन
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"मौलिक व अप्रकाशित"
चिर--जो बहुत दिनों तक बना रहे ,, उन्मन --(हठयोग) ,,,,,भौंर - भ्रमर , भंवरा
उत्कंठा-- उत्सुकता , ,,विहग --चाँद ,
पुलकित -रोमांच ,..,पुंजित --संचित
सुभग --सुंदर; मनोहर
मुकुलित--अधखिली ,,,, कुसुमित-- उल्ल्सित
उद्विग्न--व्याकुल ,,,,, विहान--भोर , नहान
मसिमय--स्याह
Comment
आदरणीया KALPANA BHATT जी आपका धन्यवाद कि आपको मेरी रचना पसंद आई , आभार सादर ।
आदरणीया विहग चाँद कैसे ? विहग तो पक्षी होता है और छंद न तो चौपई है और न चौपाई
किसलय पुंजित ह्रदय हुलसित(15 मात्राएँ
उद्विग्न है संध्या तट कुसुमित----लय बाधित
रे रीत मुक्त प्रीती बंधन-------- प्रीति -------------रीति मुक्त रीति काल के वे कवि है जो रीति में नहीं उलझे मगर आपका रीत मुक्त अलग ह
अगर इन कुछ बातों को हटा दें तो गीत रमणीय कहा जाएगा , सुन्दर शब्द चयन , सुकोमल भाव निश्चित रूप से बधाई की पात्र है आप .सादर .
सुंदर रचना हुई है आदरणीया अलका जी |
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