For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल- हिंदी तुकांत के साथ एक प्रयोग (..अण ,, क़ाफ़िये पर संभवत: पहली ग़ज़ल है इस मंच पर)

२२/२२/२२/२२/

कर्म अगर साधारण होगा
कैसे नर...नारायण होगा.
.
सच्चाई की राह चुनी है
पग पग दोषारोपण होगा.
.
जिस के भीतर विष का घट है  
उस पर छद्म-आवरण होगा.
.
कठिनाई भी बहुत ढीठ है  
इस से जीवन भर रण होगा.
.
बस्ती बाद में सुलगाएँगे  
पहले प्रेम पे भाषण होगा.   
.
मन में दृढ़ विश्वास न हो फिर  
कैसे कष्ट निवारण होगा.
.
दसों दिशाओं में शासन है
शासक .. शायद रावण होगा.
.
उजड़ेगा वो नगर एक दिन
जिस का भेदी विभीषण होगा.  
.
आज भाग्य रूठा है तुझ से
इस का भी कुछ कारण होगा.
.
चुप बैठेगा एकलव्य तो  
उस का प्रतिपल शोषण होगा.  
.
मानव मरता है, मरने दो
अब केवल गौ-रक्षण होगा.
.
“नूर’ पड़ेंगे तुझ पर पत्थर
जैसे ही  तू दर्पण होगा.

.
निलेश "नूर"
मौलिक / अप्रकाशित 

Views: 2514

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 13, 2017 at 2:38pm

शुक्रिया आ. शेख शाहज़ाद उस्मानी साहब

Comment by रामबली गुप्ता on October 13, 2017 at 12:50pm
सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें आद0 भाई नीलेश जी
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 12, 2017 at 10:49pm
बहुत सुंदर और असरदार प्रयोग के साथ कड़वी सच्चाई सहित बढ़िया प्रस्तुति के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब नीलेश शेवगांवकर साहब।
Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 12, 2017 at 8:46am

शुक्रिया आ. राज़ साहब 

Comment by राज़ नवादवी on October 11, 2017 at 10:40pm

बहुत खूब आदरणीय निलेश जी, “नूर’ पड़ेंगे तुझ पर पत्थर, जैसे ही  तू दर्पण होगा. वाह वाह . सुन्दर ग़ज़ल हुई है . सादर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 11, 2017 at 8:17pm

शुक्रिया आ. सलीम साहब 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 11, 2017 at 8:17pm

शुक्रिया आ. समर सर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 11, 2017 at 8:16pm

धन्यवाद आ. राजेश दीदी..
इस बहर में २२२ को ११२२, २२११, १२१२, २१२१ आदि लेने की छूट है ...क्यूँ कि इससे लय भंग नहीं   होती अत: छद्म का म  और आवरण का व १२१२ के फॉर्म में २२ को पूरा कर रहे हैं,,,
अन्य सभी सुझावों के लिए आभार ..विचार करता हूँ 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 11, 2017 at 8:12pm

शुक्रिया आ. मोहम्मद आरिफ़ साहब...
आप   की बात दुरुस्त है लेकिन मुझे ग़ज़ल के अलावा और  कुछ समझ ही नहीं आता तो टिप्पणी और उत्साहवर्धन  कैसे करूँ...
सादर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 11, 2017 at 8:09pm

शुक्रिया आ. डॉ आशुतोष जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
8 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service