For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अरकान:-फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़्इलातुन फेलुन

है कहाँ, कौन है,कैसा वो नज़र आता है
ख़ुद में कम मुझ में ज़ियादा वो नज़र आता है

क्या तअल्लुक़ है मेरा उससे बताऊँ कैसे
हर दुआ में मुझे चहरा वो नज़र आता है

तिश्नगी जब मुझे दीदार की तड़पाये तो
ऐसे हालात में दरया वो नज़र आता है

घेर लेते हैं मुझे जब भी अँधेरे ग़म के
मेरा हमदर्द अकेला वो नज़र आता है

तुमने पूछा कभी'संतोष'से जाकर यारो
किसलिये भीड़ में तन्हा वो नज़र आता है
#संतोष
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 620

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by santosh khirwadkar on October 15, 2017 at 7:34pm
हृदय से धन्यवाद आदरणीय सौरभ जी ....

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 15, 2017 at 7:31pm

इस पटल पर आपकी कोई प्रस्तुति पहली बार देख रहा हूँ. आश्वस्तिकारी इस प्रस्तुति के लिएहार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ 

ग़ज़ल पर आपका अभ्यास सतत बना रहे. 

शुभ-शुभ

Comment by santosh khirwadkar on October 15, 2017 at 9:38am
शुक्रिया आदरणीय अजय जी ...
Comment by Ajay Tiwari on October 15, 2017 at 9:29am

आदरणीय संतोष जी,
अच्छी ग़ज़ल हुई है. शुभकामनाएं.
सादर

Comment by santosh khirwadkar on October 12, 2017 at 6:12pm
प्रणाम आदरणीय समर साहब, तहेदिल से शुक्रिया!!’
Comment by santosh khirwadkar on October 12, 2017 at 6:11pm
आदरणीय निलेश जी , शुक्रिया!!!
आप के इस बारीक निखार पर अवश्य ही सुधार का प्रयत्न करूँगा!!
Comment by Samar kabeer on October 12, 2017 at 5:23pm
जनाब संतोष जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 12, 2017 at 12:12pm

आ. संतोष जी 
अच्छी ग़ज़ल हुई है ..
मेरा हमदर्द अकेला वो नज़र आता है में वो के साथ तकरार हो रही है 
.
घेर लेते हैं मुझे जब भी अँधेरे ग़म के
साथ हमदर्द अकेला वो नज़र आता है... अब देखिये 
सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   उसे ही कुंभ आना है, पुन्य जिसको पाना है,…"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   उसे ही कुंभ आना है, पुन्य जिसको पाना है, पहुँचे लाखों…"
3 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . जीत - हार

दोहा सप्तक. . . जीत -हार माना जीवन को नहीं, अच्छी लगती हार । संग जीत के हार से, जीवन का शृंगार…See More
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में आपका हार्दिक स्वागत है "
22 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति और प्रशंसा से लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय "
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने एवं सुझाव का का दिल से आभार आदरणीय जी । "
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सौरभ जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया एवं अमूल्य सुझावों का दिल से आभार आदरणीय जी ।…"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service