फ़ाइलातुन मफ़ाइलुन फेलुन
क़ैद मैं, कैसे दायरे में हूँ
कौन है जिसके सिलसिले में हूँ
आप तो मीठी नींद सोते हैं
और मैं सदियों…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on December 26, 2018 at 7:00am — 4 Comments
फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन/फ़इलुन
मिट गये नक़्श सभी दिल के दिखाऊँ कैसे
एक भुला हुआ क़िस्सा मैं सुनाऊँ कैसे
जा चुका है…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on November 13, 2018 at 1:06pm — 14 Comments
अरकान:
फ़ाइलातुन मफ़ाइलुन फेलुन
क़ैद मैं, कैसे दायरे में हूँ
कौन है जिसके सिलसिले में हूँ
आप तो मीठी नींद सोते हैं
और…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on October 26, 2018 at 9:11am — 15 Comments
अरकान:-
फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फेलुन
बीते लम्हों को चलो फिर से पुकारा जाए
वक़्त इक साथ सनम मिलके गुज़ारा जाए
तोड़कर आज ग़लत…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on September 26, 2018 at 8:22am — 12 Comments
अरकान:-
फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फ़ा
फिर ज़ख़्मों को धोने का दिल करता है
चुपके चुपके रोने का दिल करता है
जब जब…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on August 22, 2018 at 10:09pm — 14 Comments
फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फेलुन/फ़इलुन
दिल के नज़दीक से गुज़रो तो बता कर जाना
ये भी चाहत की है इक रस्म निभा कर…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on July 23, 2018 at 7:08pm — 10 Comments
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फाइलुन
उसने बिखरे काग़ज़ों को छू के संदल कर दिया
इक अधूरी सी ग़ज़ल को यूँ मुकम्मल कर दिया
कुछ तो दीवाना…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on June 30, 2018 at 8:30am — 18 Comments
अरकान फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
क्या सबब था,किसलिये दुनिया से मैं डरता रहा
सर झुका कर जिसने जो भी कह दिया करता रहा
सी दिया था मेरे होटों को ज़माने ने मगर
ज़िक्र सुब्ह-ओ-शाम तेरा फिर भी मैं करता रहा
ज़िन्दगी के रास्ते में ज़ख़्म जो मुझको मिले
चुपके चुपके प्यार के मरहम से वो भरता रहा
जाते जाते वो मुझे कह कर गये थे इसलिये
लम्हा लम्हा ज़िन्दगी जीता रहा मरता रहा
सादगी की मैंने ये क़ीमत चुकाई उम्र…
Added by santosh khirwadkar on June 3, 2018 at 4:34pm — 12 Comments
अरकान:-
मफ़ऊल फ़ाईलात मफ़ाईल फ़ाइलुन
यारों ख़ुदा ये देख के हैरान हो गया,
इंसा जिसे बनाया था हैवान हो गया।।
भेजा था इसको अम्न की ख़ातिर जहान में,
कैसे ख़िलाफ़ अम्न के इंसान हो गया।।
शैतान का भी शर्म से देखो झुका है सर,
इंसान ख़ुद ही आज तो शैतान हो गया।।
चिंता में बेटियों की हर इक बाप है यहाँ,
अब क्या बताऊँ मैं तो परेशान हो गया।।
ढाये यहाँ पे गंदी सियासत ने वो सितम,
लगता है जैसे मौत का सामान हो गया।।…
Added by santosh khirwadkar on May 11, 2018 at 8:30pm — 6 Comments
अरकान:-
फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन
गुज़रे वक़्तों की वो तहरीर सँभाले हुए हैं,
दिल को बहलाने की तदबीर सँभाले हुए हैं।।
बाँध रक्खा है हमें जिसने अभी तक जानाँ,
हम महब्बत की वो ज़ंजीर सँभाले हुए हैं।।
देखते रहते हैं अजदाद के चहरे जिसमें,
हम वफ़ाओं की वो तस्वीर सँभाले हुए हैं।।
जिन लकीरों में नजूमी ने कहा था,तू है,
दोनों हाथों में वो तक़दीर सँभाले हुए हैं।।
वस्ल की शब…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on April 17, 2018 at 11:21am — 16 Comments
अरकान:-
मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन फ़ऊलुन
खुली आँखें हैं,पर सोया हुआ हूँ
तुम्हारी याद में डूबा हुआ हूँ।।
बदन इक दिन छुआ था तुमने मेरा
उसी दिन से बहुत महका हुआ हूँ।।
मुझे पागल समझती है ये दुनिया
तसव्वुर में तेरे खोया हुआ हूँ।।
जहाँ तुम छोड़कर मुझको गये थे
उसी रस्ते पे मैं बैठा हुआ हूँ।।
ख़ुदा का है करम 'संतोष' मुझ पर
हर इक महफ़िल पे मैं छाया हुआ हूँ।।
#संतोष_खिरवड़कर
(मौलिक एवं…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on March 29, 2018 at 4:30pm — 12 Comments
अरकान:फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फाइलुन
ज़िन्दगी से दूर कब तक जाओगे,
किस तरह सच्चाई को झुटलाओगे।।
सादगी इतनी मियाँ अच्छी नहीं,
ज़िन्दगी में रोज़ धोका खाओगे।।
तल्ख़ यादें दिल से मिटती ही नहीं,
ज़िन्दगी में चैन कैसे पाओगे।।
तुम ग़मों को मात देना सीख लो,
अश्क पीकर कब तलक ग़म खाओगे।।
अपनी कमज़ोरी को ज़ाहिर मत करो,
वरना हर सौदे में घाटा खाओगे।।
(मौलिक एवं…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on March 12, 2018 at 11:00pm — 15 Comments
फ़ाइलातुन फ़ईलातुन फ़ईलातुन फ़ेलुन
तेरे नज़दीक ही हर वक़्त भटकता क्यों हूँ
तू बता फूल के जैसा मैं महकता क्यों हूँ
मैं न रातों का हूँ जुगनू न कोई तारा पर
उसकी आँखों में मगर फिर भी चमकता क्यों हूँ
इस पहेली का कोई हल तो बताओ यारो
हिज्र की रातों में आतिश सा दहकता क्यों हूँ
घर बनाया है तेरे दिल में उसी दिन से सनम
सारी दुनिया की निगाहों में खटकता क्यों हूँ
हासिदों को बड़ी तश्वीश है इसकी…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on January 20, 2018 at 11:21am — 8 Comments
फ़ाइलातून मफ़ाईलुन फेलुन
पहले था अश्क़बार आज भी है
दिल मेरा सोगवार आज भी है
मैं नहीं हूँ किसी भी लायक़ पर
आपको एतिबार आज भी है
जो था पहले वही है रिश्ता-ए-दिल
प्यार वो बे-शुमार आज भी है
इश्क़ आँखें बिछाए बैठा है
आपका इन्तिज़ार आज भी है
लाख दुनियां ने तोड़ना चाहा
दिल से दिल का क़रार आज भी है
#संतोष
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
Added by santosh khirwadkar on December 23, 2017 at 6:04am — 12 Comments
ग़ज़ल
मफ़्ऊल फ़ाइलात मफ़ाईल फाइलुन
धोखे ने मुझको इश्क़ में क्या क्या सिखा दिया
गिरना सिखा दिया है,सँभलना सिखा दिया
रोती थीं ज़ार ज़ार ये,वादे ने आपके
आँखों को इन्तिज़ार भी करना सिखा दिया
सूरज की तेज़ धूप बड़ा काम कर गई
ख़्वाबों के दायरे से निकलना सिखा दिया
अपनों की ठोकरों ने गिराया था बारहा
ग़ैरों ने सीधी राह पे चलना सिखा दिया
"संतोष"दुश्मनों का करूँ शुक्र किस तरह
मुझको भी दोस्ती का सलीक़ा सिखा…
Added by santosh khirwadkar on December 14, 2017 at 8:30pm — 12 Comments
ग़ज़ल
मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन
भुलाने के लिए राज़ी तुझे ये दिल नहीं होता
तभी तो याद से तेरी कभी ग़ाफ़िल नहीं होता
महब्बत को अभी तक मैंने अपनी राज़ रक्खा है
तुम्हारा ज़िक्र यूँ मुझसे सरे महफ़िल नहीं होता
तुझे ही ढूँढता रहता मैं अपने आप में हर दम
सनम तू मेरे जीवन में अगर शामिल नहीं होता
दग़ा देना ही आदत बन गई हो जिसकी ऐ यारो
भरोसे के कभी वो आदमी क़ाबिल नहीं होता
हमेशा बीज बोता है जो…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on December 8, 2017 at 9:30am — 11 Comments
Added by santosh khirwadkar on November 18, 2017 at 11:30am — 13 Comments
Added by santosh khirwadkar on October 26, 2017 at 4:59pm — 12 Comments
Added by santosh khirwadkar on October 16, 2017 at 10:52pm — 5 Comments
Added by santosh khirwadkar on October 11, 2017 at 8:53pm — 8 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |