For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दीप दान की थाती

नेह रचित इक बाती रखना

दीप दान की थाती रखना

 

जग के  अंकगणित में उलझे

कुछ सुलझे से कुछ अनसुलझे

गठबंधन कर संबंधों की

स्नेहिल परिमल पाती रखना

 

कुछ सहमी सी कुछ सकुचाई

जिनकी किस्मत थी धुंधलाई

मलिन बस्तियों के होठों पर

कलियाँ कुछ मुस्काती रखना

 

बंद खिडकियों को खुलवाकर

दहलीजों पर रंग सजाकर

जगमग बिजली की लड़ियों से

दीपमाल बतियाती रखना

 

मधुरिम मधुरिम अपनेपन का

अभिनन्दन कर उत्सव मन का

बचपन की फुलझड़ियों सी तुम

चंचल काना-बाती रखना

-मौलिक एवं अप्रकाशित

 

 

Views: 597

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on October 15, 2017 at 9:37pm
'गणित की पुस्तक'में 'की'ही बोला जायेगा,क्योंकि 'किताब'शब्द स्त्रीलिंग है,और 'जग की अंकगणित में 'जग'और 'गणित'दोनों पुल्लिंग हैं,इसलिये 'की'नहीं हो सकता ।
'गठबंधन कर संबंधों की'वाली पंक्ति में इसके बाद वाली पंक्ति में 'पाती'शब्द स्त्रीलिंग है, तो इसे यूँ किया जा सकता है "संबंधों का गठबंधन कर"लेकिन 'गठबंधन कर संबंधों की'मेरे ख़याल से उचित नहीं,विचार किंजियेगा ।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 15, 2017 at 9:28pm
बहुत ही सुमधुर रचना हुई आदरणीया..सादर बधाई
Comment by vandana on October 15, 2017 at 9:20pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय कबीर सर आपके सुझाव बहुत महत्वपूर्ण हैं सर अंक- गणित के पूर्व 'के' शब्द का ही प्रयोग होना चाहिए था सामान्यत: हम गणित की पुस्तक बोलते रहे हैं इस वज़ह से यह गलती हुई |मैं  इसमें सुधार कर लूंगी आदरणीय  किन्तु 

गठबंधन कर संबंधों की' में 'की' का सम्बन्ध ' पाती' से है गठबंधन कर संबंधों की स्नेहिल परिमल पाती रखना

तो मेरे ख्याल से यह सही होना चाहिए फिर भी आपके सुझाव अनमोल हैं तो इस दृष्टि से विचार कर बताइयेगा 

आपका कहना सही है कि शिल्प और प्रवाह सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं और अभ्यास से इसमें निखार आता है कार्यभार की अधिकता के चलते इस खामी को दूर कर पाना अभी संभव नहीं हो पा रहा फिर भी मैं मन से सीखना चाहती हूँ

इसलिए  वेकेशन का एक दिन भी प्रयोग कर पाऊं तो ख़ुशी मिलती है 

आपके सुझावों के बहुत बहुत आभारी हूँ आदरणीय 

Comment by Samar kabeer on October 15, 2017 at 7:24pm
मोहतरमा वंदना जी आदाब,दीपावली के अवसर पर गीत का अच्छा प्रयास हुआ है,इसके लिये बधाई स्वीकार करें ।
गीत में शिल्प और प्रवाह का बहुत महत्व होता है जिसका ध्यान रखना आवश्यक है,इसके अलावा व्याकरण दोष का भी ध्यान जरुरी है :-

'जग की अंकगणित में उलझे'
इस पंक्ति में 'अंकगणित'पुल्लिंग है, इसलिये ये पंक्ति यूँ होना चाहिए:-
'जग के अंकगणित में उलझे'
'गठबंधन कर संबंधों की'
इस पंक्ति में भी 'गठबंधन'और 'संबंध'दोनों पुल्लिंग संज्ञा हैं,इसलिये इसे यूँ होना चाहिए:-
'गठबंधन कर संबंधों का'
इसी तरह प्रयासरत रहें,और पटल पर अपनी सक्रियता बनाये रखें,मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं ।
Comment by vandana on October 15, 2017 at 3:52pm

 बहुत बहुत आभार आदरणीय आरिफ साहब आदरणीय शहज़ाद सर और आदरणीय सलीम सर 

Comment by SALIM RAZA REWA on October 15, 2017 at 11:42am
ख़ूबसूरत रचना के लिए बधाई.
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 15, 2017 at 9:45am
दीपोत्सव पखवाड़े पर बहुत सारे सार्थक आह्वान करती बेहतरीन प्रस्तुति के लिए सादर हार्दिक बधाई आदरणीय वन्दना जी।
Comment by Mohammed Arif on October 15, 2017 at 7:32am
आदरणीया वंदना जी आदाब, आपकी रचना ने दीप पर्व की हलचल और तेज़ कर दी । बहुत ही सुंदर अहसासों की कविता । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Oct 31
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service