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सो गया बच्चा (कविता )

सो गया बच्चा

नींद की पालकी में सवार

        सो गया बच्चा

शरारती बन्दर बना बछड़ा

     लगा बहुत अच्छा |

------------सो गया बच्चा

दिन भर की चपलता

     लेटा आँख मलता

“सोना है मुझे “

    भाव सीधा-सच्चा |

­­­--------------सो गया बच्चा |

गीत में उमंग नहीं

      फूल में सुगंध नहीं

चित्र में रंग नहीं

     घर ना लगे अच्छा

----------------सो गया बच्चा |

सपनों का वाहक

        भविष्य का नायक

पक रहा धीमे-धीमे

मृत्तिका घट कच्चा

-----------------सो गया बच्चा |

सोमेश कुमार(मौलिक एवं अप्रकाशित )

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Comment

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Comment by vijay nikore on December 14, 2017 at 3:57pm

बहुत ही सुन्दर गीत के लिए बधाई, आ० सोमेश जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 12, 2017 at 7:42pm

सुंदर गीत बहुत बहुत बधाई सोमेश जी 

Comment by somesh kumar on December 12, 2017 at 9:51am

आप ने हमें पढ़ा आप ने हमें गढ़ा 

आप के स्वीकार से,होके चित्रकार से 

भाव सब मचल उठे ,गीत बन निकल उठे 

आप यूँ ही प्यार दें ,आप यूँ धार दे 

मेघ-बुंद बन गिरा,आप इसे आधार दें 

समस्त साथियों की प्रतिक्रियाओं के लिए हार्दिक आभार ,कृपया अपने अनुज का इसी प्रकार मार्गदर्शन करते रहें |

Comment by Ajay Kumar Sharma on December 11, 2017 at 5:01pm

Bahut sundar...

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 11, 2017 at 4:06pm

सो गया बच्चा !! भारत  माता का ! निर्धन का ! पीड़ित का ! या फिर कोई नवजात स्वप्न !! बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय सोमेश कुमार जी।

Comment by Samar kabeer on December 11, 2017 at 2:35pm

जनाब सोमेश कुमार जी आदाब,बहुत सुंदर गीत लिखा आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Mohammed Arif on December 11, 2017 at 8:05am

प्रिय सोमेश जी आदाब,

               बहुत ही सुंदर बाल कविता । जिसमें मासूमियत भी है और कुछ शिकायत भी । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

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