हमने भी की इधर-उधर की बातें...
तुमने समझी इधर-उधर की बातें...
खो गये अर्थ वायदों के जब,
याद आयी इधर-उधर की बातें...
जब सरेआम चोरी पकडी गई,
फिर भी की इधर-उधर की बातें...
रोज वो ताश खेलने बैठें,
धूप करती इधर-उधर की बातें..
मुझ पे विश्वास कर महब्बत में,
छोड पगली इधर-उधर की बातें..
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आद0 सूबे सिंह सुजान जी सादर। अभिवादन।। ग़ज़लका बढ़िया प्रयास किया आपने।अरकान नहीं लिखा आपने। इस प्रस्तुति पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें।
आप सभी सम्मानित सदस्यों का बहुत बहुत धन्यवाद ।
एक पुरानी ग़ज़ल थी ।
कमियाँ हैं स्वीकार्य हैं ।
जनाब सूबे सिंह सुजान जी आदाब,बहुत अर्से बाद आपकी रचना के दर्शन हुए,कहाँ थे भाई ?
ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।
ग़ज़ल में क़ाफ़िया दोष है,आप 'ईं' का क़ाफ़िया लेकर चले लेकिन उसे निबाह नहीं सके,और न आपने शब्दों में अनुस्वार लगाये,देखियेग,ग़ज़ल के साथ अरकान भी लिखें ।
हार्दिक बधाई, आ. भाई सूबे सिंह जी।
आदरणीय सूबे सिंह जी आदाब,
ग़ज़ल कहने का प्रयास अच्छा है । ग़ज़ल के ऊपर आपने ग़ज़ल के अर्कान नहीं लिखे हैं । बाक़ी गुणीजन अपनी राय देंगे ।
आ सूबे सिंह जी , बढ़िया गाजी हुई है , गुणी की प्रतीक्षा कीजिये | बधाई आपको |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online