For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता--नए संस्करण

अब पैमाने
तय किए जा रहे हैं
राष्ट्रीयता के
ब्रेन मेपिंग और नार्को टेस्ट के ज़रिए
उगलवाया जाएगा राष्ट्रीयता का अमृत्व
भूल से स्वप्न में भी
गांधी का चश्मा मत देख लेना
चश्में सारे सरकार बाँटेगी
भूख बाँटने के काम में भी वह दक्ष हो गई है
जंतर-मंतर पर अनशन
भूख हड़ताल की पसलियाँ बाहर निकल आई है
संसद में भेड़िये घूस आए हैं
नोच डालना चाहते हैं संविधान की प्रतियों को
बहुत भूखे हैं
खाना चाहते हैं सारी संसदीय मर्यादा को
" रघुपति राघव राजा राम " गाना मना है
इस भजन का नया संस्करण तैयार हो रहा है
निठल्ले दूतावासों में शीघ्र
एक-एक चरखा भेजा जा रहा है
ख़बरदार ! अगर आवाज़ उठाई
भूख-ग़रीबी , बेरोज़गारी के ख़िलाफ
तुम्हारी ज़ुबान पर रासुका लगा दी जाएगी
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 763

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on February 14, 2018 at 7:58am

बहुत-बहुत आभार आदरणीय नीरज कुमार मिश्रा जी । लेखन सार्थक हो गया ।

Comment by Neeraj Nishchal on February 14, 2018 at 12:44am

आधुनिक परिस्थितियों पर अति आवश्यक रचना के लिए विशेष साधुवाद आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब

Comment by Mohammed Arif on February 13, 2018 at 8:10pm

हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया कल्पना भट्ट जी ।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on February 13, 2018 at 6:54pm

कड़वा सच! बहुत बढ़िया रचना हुई है आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब | हार्दिक बधाई |

Comment by Mohammed Arif on February 13, 2018 at 5:27pm

बहुत -बहुत आभार आदरणीय आशुतोष जी । लेखन सार्थक हो गया ।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 13, 2018 at 3:46pm

आदरणीय आरिफ से कड़वा सच लिखा है आपने इस रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर 

Comment by Mohammed Arif on February 13, 2018 at 2:26pm

कविता के मर्म को समझने और उस पर निरपेक्ष टिप्पणी प्रतिक्रिया देने का बहुत-बहुत आभार आदरणीय विजय निकोर जी ।

Comment by vijay nikore on February 13, 2018 at 1:41pm

//ख़बरदार ! अगर आवाज़ उठाई
भूख-ग़रीबी , बेरोज़गारी के ख़िलाफ
तुम्हारी ज़ुबान पर रासुका लगा दी जाएगी//

आपकी यह अच्छी रचना आज की सच्चाई से भरपूर है । हार्दिक बधाई, आदरणीय भाई मोहम्मद आरिफ़ जी।

Comment by Mohammed Arif on February 13, 2018 at 1:09pm

बहुत-बहुत आभार आदरणीय नरेंद्र सिंह जी ।

Comment by narendrasinh chauhan on February 13, 2018 at 1:03pm
खुब सुन्दर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Jul 6
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Jul 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Jul 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Jul 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service