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कविता--नए संस्करण

अब पैमाने
तय किए जा रहे हैं
राष्ट्रीयता के
ब्रेन मेपिंग और नार्को टेस्ट के ज़रिए
उगलवाया जाएगा राष्ट्रीयता का अमृत्व
भूल से स्वप्न में भी
गांधी का चश्मा मत देख लेना
चश्में सारे सरकार बाँटेगी
भूख बाँटने के काम में भी वह दक्ष हो गई है
जंतर-मंतर पर अनशन
भूख हड़ताल की पसलियाँ बाहर निकल आई है
संसद में भेड़िये घूस आए हैं
नोच डालना चाहते हैं संविधान की प्रतियों को
बहुत भूखे हैं
खाना चाहते हैं सारी संसदीय मर्यादा को
" रघुपति राघव राजा राम " गाना मना है
इस भजन का नया संस्करण तैयार हो रहा है
निठल्ले दूतावासों में शीघ्र
एक-एक चरखा भेजा जा रहा है
ख़बरदार ! अगर आवाज़ उठाई
भूख-ग़रीबी , बेरोज़गारी के ख़िलाफ
तुम्हारी ज़ुबान पर रासुका लगा दी जाएगी
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

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Comment

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Comment by Mohammed Arif on February 14, 2018 at 7:58am

बहुत-बहुत आभार आदरणीय नीरज कुमार मिश्रा जी । लेखन सार्थक हो गया ।

Comment by Neeraj Nishchal on February 14, 2018 at 12:44am

आधुनिक परिस्थितियों पर अति आवश्यक रचना के लिए विशेष साधुवाद आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब

Comment by Mohammed Arif on February 13, 2018 at 8:10pm

हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया कल्पना भट्ट जी ।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on February 13, 2018 at 6:54pm

कड़वा सच! बहुत बढ़िया रचना हुई है आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब | हार्दिक बधाई |

Comment by Mohammed Arif on February 13, 2018 at 5:27pm

बहुत -बहुत आभार आदरणीय आशुतोष जी । लेखन सार्थक हो गया ।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 13, 2018 at 3:46pm

आदरणीय आरिफ से कड़वा सच लिखा है आपने इस रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर 

Comment by Mohammed Arif on February 13, 2018 at 2:26pm

कविता के मर्म को समझने और उस पर निरपेक्ष टिप्पणी प्रतिक्रिया देने का बहुत-बहुत आभार आदरणीय विजय निकोर जी ।

Comment by vijay nikore on February 13, 2018 at 1:41pm

//ख़बरदार ! अगर आवाज़ उठाई
भूख-ग़रीबी , बेरोज़गारी के ख़िलाफ
तुम्हारी ज़ुबान पर रासुका लगा दी जाएगी//

आपकी यह अच्छी रचना आज की सच्चाई से भरपूर है । हार्दिक बधाई, आदरणीय भाई मोहम्मद आरिफ़ जी।

Comment by Mohammed Arif on February 13, 2018 at 1:09pm

बहुत-बहुत आभार आदरणीय नरेंद्र सिंह जी ।

Comment by narendrasinh chauhan on February 13, 2018 at 1:03pm
खुब सुन्दर

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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