221 2121 1221 212
***********
छोटी सी ज़िन्दगी में किसे ख़ुश बता करूँ,
ज़लता चराग़ हूँ मैं अँधेरे का क्या करूँ ।
कैसे सुनाऊँ सबको महब्बत की दास्ताँ,
या फिर बता दो दर्द वो कैसे सहा करूँ ।
ये माना ख़ुद की फ़िक्र में इतना नहीं सकूँ,
जो मिलता ज़ख्म-ए-ग़ैर के मरहम मला करूँ ।
दस्तक़ तू दे ऐ मौत, मज़ा तब है, हो नशा,
मैं जब खुदा के ध्यान में सिमरण किया करूँ ।
जब हो नसीब में ये तग़ाफ़ुल ये बेरुख़ी,
तो बे-हया ये ज़िन्दगी कैसे ज़िया करूँ ।
तगाफुल=उपेक्षा, ग़फ़लत
*********
मौलिक व अप्रकाशित
हर्ष महाजन
Comment
sahmiti k lie shukriya pr khani me sher k sath aapka naam de pana mushkil lg rha hai.islie agr aapki svikriti nhi hai to koi smsya nhi.
आदरणीय सोमेश कुमार जी आपकी आमद और प्रोत्साहित भरे शब्दों के लिए तहे दिल से शुक्रिया । उम्मीद करता हूँ आप यूँ ही आते रहेंगे ।ये मेरा अहो भाग्य है कि आपको ये शेर पसंद आया ।
आपने ग़ज़ल के जिस शेर के बारे में अपनी प्रतिलिपि में इस्तेमाल करने की बात कर रहे हैं , मेरे नाम के साथ ज़रूर इस्तेमाल कर सकते हैं ।
सादर ।
कैसे सुनाऊँ सबको महब्बत की दास्ताँ,
या फिर बता दो दर्द वो कैसे सहा करूँ ।
sir aap ka ye sher behad psand aaya. actually pratilipi pe maine ek story send ki hai jis ka byaan ye sher kr rha hai.agr aap ki svikriti ho to ise us story me use krna chaunga.aap k jawab ki prtiksha hai
रचना के अनुमोदन और हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत हार्दिक आभार आदरणीय ब्रजेश कुमार ब्रज जी ...सादर ।
ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत हार्दिक आभार आदरणीय अजय तिवारी जी । सादर ।
बड़ी उम्दा ग़ज़ल कहने की कोशिश की है आपने..सादर
आदरणीय हर्ष जी, अच्छी कोशिश है. हार्दिक बधाई
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपकी आमद और प्रोत्साहन भरी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ।
अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई ।
आदरणीय समर जी आदाब । आपके स्नेहिल और प्रोत्साहन भरे शब्दों के लिए दिली शुक्रिया ।
साभार ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online