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1-

वर दे  माता शारदे , रचूँ   प्रीति  के छंद l

हो समष्टि की साधना , बढ़े ह्रदय आनंद ll

बढ़े  ह्रदय आनंद , लेखनी  चलती  जाए l

लिखूँ सदा ही सत्य , झूठ से दिल घबराए ll

'अना' बहुत नादान,  शारदे जग की ज्ञाता l

सिर पर रख दे हाथ, आज तू वरदे माता ।।

2-

सत्कर्मों का फल मिला , पाया  मानव रूप l

जीवन पथ पर रख कदम ,देख न छाया धूप ll  

देख न छाया धूप , मैल   मत मन  में रखना l

करना सबसे प्रेम , स्वाद जीवन का चखना ll

जीवन की यह रीति , सार है  सब धर्मों का l

करना ऐसे कर्म , मिले फल  सत्कर्मों  का ll

- अनामिका सिंह 'अना'

मौलिक और अप्रकाशित 

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Comment

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Comment by Anamika singh Ana on March 21, 2018 at 4:06pm

आदरणीय नवीन मणि जी , सादर प्रणाम..कुंडलिया शब्द या शब्द समूह से ही समाप्त होती इतनी ही जानकारी है मुझे..Obo के छंद समूह में सारी जानकारी विस्तार से दी गई है । उससे कुछ कम ही ज्ञान है मुझको , सादर  ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on March 19, 2018 at 6:24pm

एक शंका है अगर आप को जानकारी हो तो अवश्य बताएं । क्या कुंडलियों में जिस शब्द या शब्द समूह से प्रारम्भ करते हैं उसी शब्द या शब्द समूह से अंत करना अनिवार्य है । यह इससे हटकर भी कुंडलियां लिखी जा सकती हैं ।

Comment by Anamika singh Ana on March 19, 2018 at 12:21pm

आदरणीय विजय निकोर जी , छंद आपको पसंद आया..लेखन कर्म सफल हुआ , मेरा प्रयास  अवश्य रहेगा नवीन रचनाओं के लेखन हेतु ..सादर !

Comment by Anamika singh Ana on March 19, 2018 at 12:17pm

आदरणीया प्रतिभा जी ,प्रस्तुत कुंडलिया छंद को सराहने हेतु आपका हार्दिक आभार ,सादर !

Comment by vijay nikore on March 19, 2018 at 11:52am

बहुत ही खूबसूरत छंद.. आनन्द आ गया। आशा है आप और लिख कर कृतार्थ करेंगी।

Comment by pratibha pande on March 18, 2018 at 7:43pm

जीवन की यह रीति , सार है  सब धर्मों का l

करना ऐसे कर्म , मिले फल  सत्कर्मों  का ll//  सत्य वचन 

बहुत सुगढ़ प्रभावशाली  कुण्डलिया छंद ....हार्दिक बधाई आदरणीया अनामिका जी 

Comment by Samar kabeer on March 16, 2018 at 11:30am

मोहतरमा अनामिका सिंह 'अना'जी आदाब,ओबीओ पर आपका स्वागत है,बहुत उम्दा कुण्डलिया छन्द हुए हैं,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Anamika singh Ana on March 15, 2018 at 6:53pm

आदरणीय सुशील सरना जी , सादर प्रणाम ,

         प्रस्तुत कुंडलिया छंद पर सराहना व प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका  l

Comment by Sushil Sarna on March 15, 2018 at 2:39pm

वाह आदरणीया अनामिका जी बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण कुंडलिया की प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।

Comment by Anamika singh Ana on March 14, 2018 at 9:22pm

आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले  जी , सादर प्रणाम  l

          ओ बी ओ साहित्यिक परिवार में स्वागत व  प्रथम प्रविष्टि पर प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका 

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