बात बर्फ सी जमी हुई है, शब्दों में है लेकिन आग ।
देखो चमन न बँटने पाये, निकले हैं जहरीले नाग ।।
बाढ़ आ गई आगजनी की,तोड़-फोड़ होती अविराम ।
भाईचारा है सूली पर, लोकतंत्र के चक्के जाम ।।
राष्ट्र संपदा की बलि देकर, दुश्मन खेल रहा है फाग ।
देखो चमन न बँटने पाये , निकले हैं जहरीले नाग ।।
हिंसा भीड़ तमाशे का जो,…
ContinuePosted on January 4, 2020 at 3:30pm — 5 Comments
सदानीरा बहे कल - कल , गगन पर चाँद तारे हैं ।
अलौकिक दृश्य वसुधा पर ,सुभग मनहर नजारे हैं ।।
उजालों ने चुगा शशि है , उषा आयी उगा रवि है ।
मही पर पुष्प शुचि कुसुमित,उड़े नभ पर विहग प्रमुदित ।।
झरे सित पुष्प शिउली के ,हवाओं ने बुहारे हैं ।
अलौकिक दृश्य वसुधा पर , सुभग मनहर नजारे हैं ।।
लली वृषभानु की राधा , ढके मुख घूँघटा आधा ।
चली पनघट लिये गागर ,खड़े हैं गैल नटनागर ।।
हुयीं लखि लाज से दुहरी , मदन करते इशारे…
ContinuePosted on May 17, 2019 at 9:30pm — 6 Comments
निशुंभ शुम्भ मर्दिनी , जया त्रिकूट वासिनी |
शिवा प्रिया महातपा , सुधीर माँ सुहासिनी ||
विराट भाल दिव्य शक्ति मुंडमाल धारिणी |
कृपालु दृष्टि भाविनी नमामि लोक तारिणी ||
विशाल भाल चंद्रिका सुदीर्घ नेत्र शान हैं |
कृपालु मातु शीश केश यामिनी समान हैं ||
कपोल हैं भरे -भरे व होंठ लाल –लाल हैं |
विराट रूप देख मातु भक्त भी निहाल हैं ||
विशाल रक्तबीज अंत मातु तेग से किया |
विनाश चंड मुंड का प्रचंड वेग से किया…
ContinuePosted on March 21, 2018 at 11:00pm — 14 Comments
माना ताज मिसाल है , सुंदरता की एक l
चीख़ें गूँजीं हैं यहाँ , करुणा भरी अनेक ll
करुणा भरी अनेक , यहाँ पर लिखीं कहानी l
कटे करों से खून, बहा है बनकर पानी ll
'अना' जान ले सत्य, ताज का हर दीवाना l
प्रेम निशानी ताज, अजब है जग में माना ll
- अनामिका सिंह 'अना'
मौलिक व अप्रकाशित
Posted on March 15, 2018 at 6:30pm — 11 Comments
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