For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता कोरी कल्पना, कविता मन का रूप
कविता को कवि ले गया, जहाँ न पहुँचे धूप।१।


किसी फूल की पंखुड़ी, किसी कली का गाल
कविता  रंगत  प्यार की, नहीं शब्द  का जाल।२।


आँचल में रचती रही, सुख दुख कविता रोज
पड़ी जरूरत जब कभी, भरती सब में ओज।२।


भूखों की ले भूख जब, दुखियों की ले पीर
कविता सबकी तब भरे, आँखों में बस नीर।४।


युगयुग से भाये नहीं, कविता को अनुबंध
हवा  सरीखी  ये बहे, लिए  अनौखी  गंध।५।


कविता सुख की थाल तो, है दुख का संसार
इस को  पढ़  मानव गहे, संयम  का  आधार।६।


कविता  से  रोटी मिले, कविता  से  सम्मान
इसीलिए तो कवि करे, कविता का गुणगान।७।


जनमन में बस हो गयी, कविता जब साकार
कवि को भी तब मिल गया, एक नया संसार।८।


मौलिक अप्रकाशित

Views: 625

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 25, 2018 at 7:01am

आ. भाई आरिफ जी, प्रशंसा के लिए आभार ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 25, 2018 at 7:00am

आ. भाई सुरेंद्र जी, उत्साहवर्धन के लिए आभार ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 25, 2018 at 6:59am

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । दोहों पर उपस्थिति , स्नेह और प्रशंसा के लिए आभार ।

Comment by Mohammed Arif on March 22, 2018 at 4:46pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आदाब,

                      कविता दिवस पर एक से बढ़कर एक दोहों की सैग़ात पेश की है आपने । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by नाथ सोनांचली on March 22, 2018 at 2:59pm

आद0 लक्ष्मण धामी जी सादर अभिवादन। कविता दिवस पर बेहतरीन दोहे हुए हैं, बधाई आपको

Comment by Samar kabeer on March 22, 2018 at 12:02pm

जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, कविता दिवस पर बहुत उम्दा दोहे हुए हैं,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 22, 2018 at 7:14am

आ. कल्पना बहन , प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद ।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on March 21, 2018 at 10:31pm

बहुत सुंदर दोहे| हार्दिक बधाई आदरणीय|

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 21, 2018 at 9:38pm

आ. भाई तस्दीक अहमद जी, स्नेह व उत्साहवर्धन के लिए आभार ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on March 21, 2018 at 8:59pm

जनाब भाई लक्ष्मण धामी साहिब ,कविता दिवस पर सुन्दर दोहे हुए हैं ,मुबारक बाद क़ुबूल फरमाएं।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
yesterday
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service