For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

  

     बिहार दिवस का उल्लास चहुँ ओर बिखरा पड़ा नजर आ रहा... मैं किसी कार्य से गाँधी मैदान से गुजरते हुए कहीं जा रही थी कि मेरी दृष्टि तरुण वर्मा पर पड़ी जो एक राजनीतिक दल की सभा में भाषण सा दे रहा था। पार्टी का पट्टा भी गले में डाल रखा... तरुण वर्मा को देखकर मैं चौंक उठी... और सोचने लगी यह तो उच्चकोटी का साहित्यकार बनने का सपने सजाता... लेखनी से समाज का दिशा दशा बदल देने का डंका पीटने वाला आज और लगभग हाल के दिनों में ज्यादा राजनीतिक दल की सभा में...!
     स्तब्ध-आश्चर्य में डूबी मैं यह निर्णय लिया कि इससे इस परिवर्त्तन के विषय में जानना चाहिए... मुझे अधिक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ी... मुझे देखकर वह स्वत: ही मेरी ओर बढ़ आया।
       औपचारिक दुआ-सलाम के बाद मैंने पूछ लिया " तुम तो साहित्य-सेवी हो फिर यहाँ इस तरह राजनीति में?"

        उसने हँसते हुए कहा, "दीदी माँ! बिना राजनीति में पैठ रखे मेरी पुस्तक को पुरस्कार और मुझे सम्मान कैसे मिलेगा ?
   मैंने पूछा " तो तुम पुरस्कार हेतु ये सब...?"
मेरी बातों को अधूरी छोड़कर वह पुनः राजनीतिज्ञों की भीड़ में खो गया... साँझ में डूबता रवि ना जाने कहीं उदय हो रहा होगा भी या नहीं... !

"मौलिक व अप्रकाशित

Views: 531

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 1, 2018 at 11:52am

आ. विभा जी, अच्छी कथा हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on March 28, 2018 at 12:20pm

मोहतरमा विभा जी आदाब,प्रयासरत रहें,सफलता अवश्य मिलेगी,बधाई आपको ।

शीर्षक के साथ रचना की विधा भी लिख दिया करें ।

Comment by pratibha pande on March 28, 2018 at 11:40am

बढिया लघुकथा,आदरणीया विभा जी हार्दिक बधाई ।  शिल्प मे थोड़ी सी और कसावट से प्रभाव और बढेगा।  

Comment by Mohammed Arif on March 28, 2018 at 10:47am

आदरणीया विभा जी आदाब,

                           आशा है आप आगामी सर्वश्रेष्ठ लघुकथा के साथ उपस्थित होंगी जिसके लिए अग्रिम बधाई ।

Comment by नाथ सोनांचली on March 28, 2018 at 4:23am

आद0 विभा जी सादर अभिवादन। साहित्यकार राजनीति में आता है तो इसका स्वागत होना चाहिए। इसमे निराश या हैरान होने वाली बात नहीं होनी चाहिए।

उसने हँसते हुए कहा, "दीदी माँ! बिना राजनीति में पैठ रखे मेरी पुस्तक को पुरस्कार और मुझे सम्मान कैसे मिलेगा ?//

यह बात राजनीति में आने वाला खुद कहता है, पढ़कर अटपटा लगा। और वाकई सिर्फ अपने उद्देश्य से किसी पढ़े लिखे को राजनीति में आने पर आपकी लघुकथा कटाक्ष पूर्ण हो सकती है पर इससे यह संदेश देना की पढ़ा लिखा साहित्यकार अगर राजनीति फलक पर है तो उसका साहित्यिक सूर्यास्त होंगा, शायद ठीक नहीं। सादर

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 27, 2018 at 9:19pm

आ. विभा जी,
आप को प्रसान होना चाहिए था कि एक पढ़ा लिखा राजनीति में आया है...
इसी प्रवृत्ति के चलते 10 वीं फेल भी उच्च पदों पर हैं...
आप की कथा बहुत निराशाजनक है ...
सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
15 hours ago
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
21 hours ago
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
22 hours ago
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
22 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति -----------------प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता…See More
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

पूछ सुख का पता फिर नए साल में एक निर्धन  चला  फिर नए साल में।१। * फिर वही रोग  संकट  वही दुश्मनी…See More
23 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service