For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीवन .....क्षणिकाएं :....

जीवन .....क्षणिकाएं :....

1. 
सूरज
सागर की लहरों पर
तैरती
अपनी रश्मियों के ढेर को
काटता-छाँटता रहा
ताकि
मिल सके
रोशनी
हर किसी को
हर किसी के
नसीब की
.... .... .... .... .... ....
2.
देखा जो
आसमाँ से
उतरते हुए
लाल सूरज को
सागर के आँगन में
घबरा गया
मयंक
कि कहीं
सागर वीचियों पर
उसका अस्तित्व
मेरे अस्तित्व का
हरण न करले
..... .... .... .... .... ....
3 .
जीवन
मिटने से पहले
नशवर है
और
मिटने के बाद
अमर है

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 597

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on April 17, 2018 at 9:40pm

आ0 बहुत खूब लिखा आपने । बधाई स्वीकारें।

Comment by Sushil Sarna on April 13, 2018 at 6:30pm

आदरणीया नीलम उपाध्याय जी सृजन के भावों को आत्मीय सहमति देती प्रशंसा से मान देने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on April 13, 2018 at 6:30pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब , प्रस्तुति आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से उपकृत हुई , हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on April 13, 2018 at 6:30pm

आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहिब, आदाब। ... सृजन के भावों को आत्मीय प्रशंसा से अलंकृत करने का दिल से आभार।

Comment by Neelam Upadhyaya on April 13, 2018 at 11:08am

"मिल सके

रोशनी

हर किसी को

हर किसी के

नसीब की"

आदरणीय सुशील सरना जी, नमस्कार । बहुत ही खूबसूरत क्षणिकाएँ हुई है । प्रस्तुति पर बधाई ।

Comment by Samar kabeer on April 13, 2018 at 9:53am

जनाब सुशील सरना जी आदाब,उम्दा और गम्भीर क्षणिकाएं हुई हैं,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on April 13, 2018 at 9:34am

जनाब सुशील सरना साहिब ,सूरज और सागर के अंदरूनी एहसास को बयान करती सुन्दर जीवन क्षड़ीकाएँ  हुई हैं ,मुबारक बाद क़ुबूल फरमायें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
20 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
20 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service