For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सारी उम्र खटे - एक नवगीत

अंतर्मन में जाने कितने,

ज्वालामुखी फटे.

दूरी रही सुखों से अपनी,

दुख ही रहे सटे.

 

झोंपड़ियों में बुलडोजर के,

जब-तब घाव सहे.

अरमानों की जली चिताएँ,

सारे स्वप्न दहे.

 

गम की आँधी तूफानों के,

सम्मुख रहे डटे.

 

धागे बाँध प्रेम के हमने,

रिश्तों को जोड़ा.

कभी किसी विपदा में जिनका,

हाथ नहीं छोड़ा.

 

सूख गया जब खेत हमारा,

रहते कटे-कटे.

 

बहा पसीना सींची हमने,

आँगन की बगिया.

मौसम रोज बदलता करवट,

उड़ा रहा निंदिया.

 

समझ न पाये मिला हमें क्या,

सारी उम्र खटे.

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 486

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 11, 2018 at 3:22pm

आदरणीय vijay nikore  जी आपका हृदय से आभार 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 11, 2018 at 3:21pm

आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी आपका हृदय से आभार 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 11, 2018 at 3:21pm

आदरणीया babitagupta जी, आपको रचना पसंद आई, आपका दिल से शुक्रिया 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 11, 2018 at 3:20pm

आदरणीय Mohammed Arif  जी आपकी मनभावन प्रतिक्रिया को सादर नमन, यूँ ही स्नेह बनाये रखें .

Comment by vijay nikore on June 10, 2018 at 1:16am

बहुत सुन्दर ! बधाई।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 9, 2018 at 2:35pm

आदरणीय शर्मा जी अच्छी रचना के लिए बधाई स्वीकारें..

Comment by pratibha pande on June 8, 2018 at 10:26am

मुग्ध कर दिया आपके इस नवगीत / गीत ने , हार्दिक बधाई आदरणीय

Comment by babitagupta on June 7, 2018 at 3:27pm

जीवन संघर्ष को दर्शाती कविता बहुत ही सुंदर .बहुत बहुत बधाई आदरणीय सर जी.

Comment by Mohammed Arif on June 7, 2018 at 2:08pm

आदरणीय बसंंत कुमार जी आदाब,

                             बहुत ही प्यारा नवगीत । वाकई दिल से लिखा गया गीत । आपसे आगामी भी ऐसे ही गीतों की अपेक्षा है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"बहुत बेहतरीन ग़ज़ल। एक के बाद एक कामयाब शेर। बहुत आनंद आया पढ़कर। मतले ने समां बांध दिया जिसे आपके हर…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service