For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

संताप - लघुकथा –

संताप - लघुकथा –

"माधव, मुझे शाँति चाहिये। मेरा मन बहुत व्याकुल है।इस युद्ध के लिये मेरी अंतरात्मा मुझे कचोट्ती है"?

"क्या हुआ अर्जुन, तुम इतने निर्बल कैसे हो गये"?

"मित्र, युद्ध की विनाश लीला मुझे धिक्कारती है? मेरी आँखों के सामने उस विनाश की समस्त वीभत्स घटनांयें एक सैलाब की तरह मेरे मस्तिष्क को घेरे रहती हैं। ऐसा प्रतीत होता है जैसे मेरे समूचे अस्तित्व को बहा ले जायेंगी और मुझे नेस्तनाबूद कर देंगी”?

“स्वयं को संभालो अर्जुन। तुम कायरों जैसा व्यवहार कर रहे हो”?

“माधव, मेरे देखते हुए मेरी स्वयं की भावी पीढ़ी नष्ट हो गयीऔर मैं कुछ न कर सका"?

"अर्जुन, जो कुछ हो गया, उसका विलाप करना मूर्खता है"?

"माधव, इस सब का दोषी हूँ मैं।अपना युद्ध कौशल दिखाने के लिये कितना लालायित रहता था मैं"?

"अर्जुन, युद्ध तुम्हारे ऊपर थोपा गया था।वह तुम्हारी मज़बूरी थी। युद्ध के परिणाम से तो तुम्हें युद्ध से पूर्व ही मैंने अवगत कराया था"।

"आपके उस दिशा निर्देश पर ही तो मैं इस महा विनाश का हिस्सेदार बना था। लेकिन उस युद्ध के दुष्परिणाम मुझे चैन से सोने नहीं देते"?

"अर्जुन, वर्तमान में जिओ। जो समक्ष है उसे भोगो। अतीत में जिओगे तो अशांत ही रहोगे"?

"माधव, यह कहने में बेहद सरल है लेकिन भोगने वाला ही जानता है कि कितनी असहनीय पीड़ा होती है"?

"तो क्या तुम यह कहना चाहते हो कि मैंने कभी कोई दुख या पीड़ा नहीं झेली"?

"शायद यही अर्थ हो सकता है मेरे कथन का"?

"अर्जुन, तुम मेरे प्रिय सखा हो। क्या मेरे बारे में इतना ही जानते हो? तो सुनो, मैंने कारागार में जन्म लिया। जन्म लेते ही मुझे मेरे माँ बाप से अलग कर दिया। मेरे सिर पर हर वक्त मृत्यु मँडराती थी। इसके बावज़ूद मैंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। किसी प्रकार का विलाप नहीं किया| अपने किसी प्रियजन पर आँच नहीं आने दी"?

"मुझे क्षमा कर दो माधव, युद्ध की विभीषिका ने मेरा हृदय व्यथित कर दिया था| एक साधारण मानव की सोच बहुत सीमित होती है, अधिक दूर तक नहीं जाती।"

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 607

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on August 3, 2018 at 4:41pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी।

Comment by vijay nikore on August 1, 2018 at 2:17pm

खूबसूरत लघु कथा के लिए बधाई, तेज वीर सिंह जी

Comment by TEJ VEER SINGH on August 1, 2018 at 9:37am

हार्दिक आभार आदरणीय नवीन मणि जी।

Comment by Naveen Mani Tripathi on July 31, 2018 at 9:44pm

आ0   तेजवीर सिंह साहब बहुत सुंदर कथा पढ़ने को मिली अनंत बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 31, 2018 at 8:32pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 31, 2018 at 8:31pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी।

Comment by Samar kabeer on July 31, 2018 at 6:21pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,उम्दा लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sushil Sarna on July 31, 2018 at 3:31pm

आदरणीय तेजवीर सिंह जी कृष्ण अर्जुन का सुंदर और संदेशात्मक प्रसंग। आत्मावलोकन से साक्षात्कार कराती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 30, 2018 at 10:02pm

हार्दिक आभार आदरणीय बबिता गुप्ता जी।

Comment by babitagupta on July 30, 2018 at 3:28pm

सद्मार्ग पर चलने का संदेश देती बेहतरीन लघु कथा,हार्दिक बधाई आदरणीय सरजी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
11 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service