राखी के पावन त्यौहार पर कुछ दोहे :
राखी का त्यौहार है, बहना की मनुहार।
इक -इक धागा प्यार का, रिश्तों का उपहार।।
'भाई बहना से सदा', माँगे उसका प्यार।
राखी पावन प्रेम के ,बंधन का आधार।।
बाँध जरा तू हाथ पर, बहना अपना प्यार।
दूँगा तुझको आज वो, जो मांगे उपहार।।
राखी है इस हाथ पर, बहना तेरी शान।
तेरे पावन प्यार पर, मुझको है अभिमान।।
सावन में सावन बहे, आँखों से सौ बार।
राखी पर परदेस से,'बहना भेजे प्यार'।।
आ न सकी परदेस से, राखी अबकी बार।
राखी के त्यौहार पर,बह निकली जलधार।।
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय सुशील सरना जी रक्षाबंधन पर्व पर आकर्षक रचना के लिए बहुत बहुत बधाई
आदरणीय उस्मानी साहिब, आदाब। .. सृजन के भावों को मान देने का दिल से शुक्रिया।
समसामायिक बेहतरीन संदेश वाहक छंद-सृजन। हार्दिक बधाई। रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं जनाब सुशील सरना साहिब।
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