ट्रैफिक सिग्नल की बत्ती लाल हो गयी थी तो उसने ब्रेक लगाया और बाहर देखने लगा. जाने और आने वालों की दो दो लेन थी और हर आदमी ने अपनी गाड़ी थोड़े थोड़े फासले पर खड़ा कर रखी थी. जोहानसबर्ग की यह बात उसे बेहद पसंद थी कि अमूमन हर व्यक्ति कानून का पूरी तरह से पालन करता था और शायद ही कभी लाल बत्ती पर सड़क पार करता था. हॉर्न बजाना तो बेहद असभ्यता की बात मानी जाती थी और किसी की गलती को जताने के लिए ही लोग हॉर्न बजाते थे.
रोज की तरह ही वह अफ़्रीकी नवयुवक, जिसे वह शक्ल से पहचानता था, लेकिन कभी उसने उसका नाम भी नहीं पूछा था, आकर चुपचाप उसके बगल में खड़ा हो गया. अक्सर उसकी गाड़ी इस सिग्नल पर रूकती और वह नवयुवक आकर मुस्कुराते हुए उसके बगल में खड़ा हो जाता. कभी भी उसने न तो मांगने के लिए आवाज लगायी और न ही उसके शीशे पर नॉक किया. बस लोगों की देखा देखी वह भी उसको कुछ रैंड दे देता था.
आज पता नहीं उसे कुछ देने का मन नहीं किया, शायद किसी बात पर अपसेट था. ६० सेकेण्ड वाले सिग्नल का काउंट डाउन चल रहा था और वह युवक सिग्नल पर नजर डालते हुए चुपचाप खड़ा था. लगभग १० सेकेण्ड बचे थे तभी उसकी नजर उस नवयुवक से मिली और ऐसा लगा जैसे उसकी ऑंखें शिकायत कर रही हों.
सिग्नल हरा हुआ और वह उस युवक से नजरें बचाते हुए झटके से आगे बढ़ गया. रास्ते भर उसे अजीब सी बेचैनी महसूस होती रही, ऐसा लग रहा था जैसे उसने किसी का हक़ मार दिया हो.
मौलिक एवम अप्रकाशित
Comment
बहुत बहुत आभार आ अजय तिवारी जी इस टिपण्णी के लिए
आदरणीय विनय जी, ये कथा कविता की सरहदों को छू रही है. एक और बेहतरीन लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई.
रचना के मर्म को समझकर टिपण्णी के लिए बहुत बहुत आभार आ नीलम उपाध्याय जी
आदरणीय विनय कुमार, अच्छी लघुकथा। प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकार करें।
बहुत बहुत आभार आ मुहरतम समर कबीर साहब
जनाब विनय कुमार जी आदाब,बहुत उम्दा लघुकथा हुई है,इस प्रसृति पर बधाई स्वीकार करें ।
लघुकथा के मर्म तक पहुंचकर उसपर प्रोत्साहित करनेवाली टिपण्णी के लिए बहुत बहुत आभार आ शेख शहज़ाद उस्मानी साहब
ऐसा अपराधबोध हर उस इंसान को अक्सर होता है जो भागमभाग और स्वार्थलोलुपता और भ्रष्टाचार के वातावरण में भी नेक राह पर चलकर सच्चा योगदान कर ज़रूरतमंदों की यथासंभव मदद करना चाहते हैं। इस रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार साहिब।
बहुत बहुत आभार आ तेज वीर सिंह जी
हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार जी।मनोविज्ञान आधारित सुन्दर लघुकथा।
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