For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चारो तरफ मची भगदड़ अब धीरे धीरे कम हो चली थी, बस घायल लोगों की चीखें ही चारो तरफ गूंज रही थीं. इस भयानक हादसे में सैकड़ों लोग मरे थे और उससे ज्यादा ही घायल थे. राहत में पहुंचे लोग मृत शरीरों को एक तरफ इकट्ठा कर रहे थे और घायलों को हस्पताल भेजने की तैयारी में भी जुटे थे.
पटरी के एक तरफ पड़े एक युवा के मृत शरीर को लोगों ने उठाकर एक तरफ कर दिया. कुछ ही देर बाद कुछ और लोग एक लड़की के मृत शरीर को भी वहीँ डाल गए. कुछ घंटे बीतते बीतते तमाम लाशें एक दूसरे से गड्डमड्ड पड़ीं थीं और लड़के का हाथ लड़की के हाथ में था.
ऊपर कहीं आसमान के किसी कोने में दोनों की आत्माएं बेहद सुकून महसूस कर रही थीं. लड़के की आत्मा ने मुस्कुराते हुए लड़की की आत्मा से कहा "ऊपरवाले ने तुम्हारी बात कितनी जल्दी सुन ली, कल ही तुम कह रही थी कि समाज अगर साथ जीने नहीं देता तो कम से कम साथ साथ मरने तो देगा. और देखो आज मरने के बाद तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में है".
लड़की की आत्मा भी मुस्कुरायी और उसने लड़के की आत्मा का हाथ अपने हाथ में ले लिया. नीचे लाशों के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही थीं, लड़के और लड़की के घर वाले हादसे के स्थल पर एक दूसरे से अलग बैठकर उनके मौत पर विलाप कर रहे थे.

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 824

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on October 29, 2018 at 1:07pm

बहुत बहुत आभार आ कल्पना भट्ट जी, शायद संजोग ही रहा होगा वर्ना यह लघुकथा कैसे जन्म लेती

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 25, 2018 at 11:48pm

मार्मिक लघुकथा हुई है आदरणीय विनय जी, हार्दिक बधाई आपको|  यह एक संजोग ही रहा होगा की लड़का और लड़की एक साथ मरे और उनकी लाशें एक साथ ही थी| सादर|

Comment by विनय कुमार on October 25, 2018 at 11:39am

बहुत बहुत आभार आ तेज वीर सिंह जी

Comment by विनय कुमार on October 25, 2018 at 11:39am

बहुत बहुत आभार आ लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी

Comment by विनय कुमार on October 25, 2018 at 11:38am

बहुत बहुत आभार आ अर्पणा शर्मा जी

Comment by विनय कुमार on October 25, 2018 at 11:37am

बहुत बहुत आभार आ मुहतरम मोहम्मद आरिफ साहब, आपकी विस्तृत टिपण्णी ने बहुत उत्साहवर्धन किया. सचमुच प्रेम ही सबसे ऊपर है, नफरत इंसान को कहीं का नहीं छोड़ती है. इसी तरफ प्रोत्साहित करते रहिये, पुनः आभार

Comment by विनय कुमार on October 25, 2018 at 11:35am

बहुत बहुत आभार आ मिर्ज़ा जावेद बेग साहब, स्वागत है आपका लघुकथा के क्षेत्र में

Comment by TEJ VEER SINGH on October 25, 2018 at 9:10am

हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार जी। मार्मिक लघुकथा।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 25, 2018 at 8:42am

आ. भाई विनय जी, बेहतरीन कथा हुयी है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Arpana Sharma on October 25, 2018 at 12:04am

  अमृतसर के हालिया हादसे की पृष्ठभूमि को लेकर पिरोया कथानक मन को छू जाता है। 

उत्तम प्रयास की बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service