For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

परख - लघुकथा -

नीना जैसे ही चाय की ट्रे लेकर,  उसे देखने आये  लड़के वालों के परिवार की एक मात्र महिला को चाय देने बढ़ी, उस महिला को देख कर नीना के होश उड़ गये। उसे लगा वह अभी चक्कर खा कर गिर जायेगी। अब उसे निश्चित लग रहा था कि यह रिश्ता भी नहीं होने वाला। माँ बापू को आज फिर तगड़ा झटका लगेगा।

हालांकि नीना एक बड़ी कंपनी में इंजीनियर थी। बस खूबसूरती में औसत थी। रंग भी थोड़ा दबा हुआ था। अतः रिश्ते होते होते रह जाते थे।

नीना के सामने कालेज की वह घटना चल चित्र की तरह घूम गयी। जब वह इंजीनियरिंग कालेज की गर्ल्स हॉस्टल में थी। यही महिला वहाँ वार्डन थी। एक शाम हॉस्टल में हंगामा हो गया कि एक लड़का  हॉस्टल में घुसते देखा है। वार्डन ने सिक्योरिटी बुला ली। तलाशी अभियान शुरू। मेरे कमरे का द्वार खुला था। मैं पढ़ रही थी। वार्डन अंदर आयीं तो वह लड़का मेरे बाथ रूम में मिला। वार्डन मैडम तो मुझे खा जाने वाली निगाहों से घूर रही थीं। पता नहीं क्या क्या अंट शंट बोले जा रही थीं।

मामला प्रिंसीपल के पास चला गया। मैंने प्रिंसीपल को स्पष्ट बताया कि मैं इस लड़के को नहीं जानती। उस लड़के ने भी कहा कि मुझे जिस लड़की ने बुलाया था वह यह नहीं है। उस लड़की का कमरा नंबर भूल गया। इतने में हो हल्ला होने लगा। इसके कमरे का दरवाज़ा खुला देखा तो डर कर उसमें घुस गया। उस लड़के ने यह भी बताया कि उस लड़की  ने मुझे हॉस्टल में घुसने का सही वक्त शाम को सात से आठ के बीच बताया  क्योंकि उस समय दरबान वार्डन के रूम पर खाना बनाने जाता है। प्रिंसीपल मैम के पूछने पर मैंने भी इस बात की पुष्टि की।

वार्डन को पद से हटा दिया। उस लड़के को पुलिस को दे दिया।

सब लोग चाय पीने में व्यस्त थे लेकिन नीना के मन में द्वंद चल रहा था। वह उस घड़ी की कल्पना करके चिंतित थी जब वे लोग इस रिश्ते को ठुकरा कर जायेंगे तो माँ बापू को कैसे आश्वस्त करेगी। उसे यह भी डर था कि कहीं उस हॉस्टल वाली घटना का जिक्र माँ बापू से ना कर दें| नीना इन्हीं अनगिनत सवालों में उलझी हुई थी|

नीना की तंद्रा तब भंग हुई जब उसकी माँ ने उसे कहा,"नीना अपनी होने वाली सासू माँ के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लो। इन्हें रिश्ता मंज़ूर है।"

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 742

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on October 29, 2018 at 9:17am

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 28, 2018 at 11:50pm

नारी विमर्श की बढ़िया रचना हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 28, 2018 at 11:40am

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी।

Comment by vijay nikore on October 28, 2018 at 1:38am

लघु कथा अच्छी कसी हुई है। हार्दिक बधाई, मित्र तेज वीर सिंह जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 26, 2018 at 5:45pm

हार्दिक आभार आदरणीय नवीन मणि जी।

Comment by Naveen Mani Tripathi on October 26, 2018 at 1:05pm

आ0 तेजवीर सिंह साहब बहुत सुन्दर लघुकथा हेतु आपको बधाई ।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 26, 2018 at 12:53pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब जी।

Comment by Samar kabeer on October 26, 2018 at 11:47am

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 26, 2018 at 9:33am

हार्दिक आभार आदरणीय कल्पना भट्ट "रौनक" जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 26, 2018 at 9:32am

हार्दिक आभार आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
yesterday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday
PHOOL SINGH added a discussion to the group धार्मिक साहित्य
Thumbnail

महर्षि वाल्मीकि

महर्षि वाल्मीकिमहर्षि वाल्मीकि का जन्ममहर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में बहुत भ्रांतियाँ मिलती है…See More
Wednesday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी

२१२२ २१२२ग़मज़दा आँखों का पानीबोलता है बे-ज़बानीमार ही डालेगी हमकोआज उनकी सरगिरानीआपकी हर बात…See More
Wednesday
Chetan Prakash commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"आदाब,  समर कबीर साहब ! ओ.बी.ओ की सालगिरह पर , आपकी ग़ज़ल-प्रस्तुति, आदरणीय ,  मंच के…"
Apr 10
Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post कैसे खैर मनाएँ
"आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, प्रस्तूत रचना पर उत्साहवर्धन के लिये आपका बहुत-बहुत आभार। सादर "
Apr 9

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service