For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"किसी के साथ भी धोखा नहीं करतें"

 1222 1222 1222


सुकूँ वो उम्र भर पाया नहीं करतें।
बड़ों की बात जो माना नहीं करतें।।

बुजुर्गों की नसीहत ये पुरानी है।
बिना सोचे कभी बोला नहीं करतें।।

सफल होते हमेशा लोग वो ही जो।
किसी की बात सुन बहका नहीं करतें।।

जिन्हें आदत हमेशा जीतने की हो।
वो मैदां छोड़ कर भागा नहीं करतें।।

हमेशा से रहा इक ही उसूल अपना।
किसी के साथ भी धोखा नहीं करतें।।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 688

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by surender insan on December 13, 2018 at 9:33am

जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय राज नवादवी साहब। सादर नमन।

Comment by surender insan on December 13, 2018 at 9:32am

जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब। सादर नमन जी।

Comment by surender insan on December 13, 2018 at 9:30am

जी आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमन। बहुत बहुत शुक्रिया आपका। वह मिसरा बदल दिया है देखियेगा। सादर जी।

Comment by surender insan on December 13, 2018 at 9:29am

जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय तेजवीर जी । सादर नमन।

Comment by surender insan on December 13, 2018 at 9:28am

जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय लक्ष्मण धामी जी । सादर नमन जी।

Comment by राज़ नवादवी on December 12, 2018 at 8:06pm

आदरणीय सुरेंद्र इंसान साहब, आदाब। सुंदर ग़ज़ल की प्रस्तुति पे बधाई। सादर।।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 12, 2018 at 5:08pm

जनाब सुरेन्द्र इंसान साहिब  , अच्छीग़ज़ल हुई है मुबारकबाद क़ुबुल फरमाएं l मुहतरम समर साहिब का कहना सही है , ज़ाया शब्द के आखिर में उर्दू के हिसाब से अलिफ नहीं बल्कि एन है इस ग़ज़ल में यह क़ा फिया नहीं होगा l

शेर यूँ कर सकते हैं (सफ़ल वो लोग होते हैं हमेशा __समय बर्बाद जो अपना नहीं करते) 

Comment by Samar kabeer on December 12, 2018 at 2:49pm

भाई लक्ष्मण धामी जी,मेरी टिप्पणी स्पष्ट है,आपने ध्यान से नहीं पढ़ी शायद,इस शब्द का सहीह तलफ़्फ़ुज़(उच्चारण)"ज़ाए" है न कि 'ज़ाया'

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 12, 2018 at 1:28pm

आ. भाई समर कबीर जी, सादर अभिवादन । आपकी टिप्णी में ज़ाया शब्द को काफिया के तौर पर न लेने की सलाह से उलझन में हूँ । यह शब्द यहाँ अर्थ के हिसाब से ठीक नहीं है या किसी और वजह से मार्गदर्शन करें । मेरे हिसाब से यह यहाँ बरबाद के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है न कि जाने के । आप शंका समाधान कीजिएगा । शेष शुभ शुभ.. 

Comment by Samar kabeer on December 12, 2018 at 11:13am

जनाब सुरेन्द्र इंसान जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

जरा सा वक़्त भी ज़ाया नहीं करतें'

इस मिसरे में "ज़ाया" क़ाफ़िया सहीह नहीं है,सहीह शब्द है "ज़ाए",जिसे आम तौर पर लोग "ज़ाया" बोलते हैं,देखियेगा ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
20 hours ago
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service