( 22 22 22 22 22 22 22 2 )
***
बारम्बार सियासत की क्या यह नादानी अच्छी है ?
धर्मों की आपस में क्या आतिश भड़कानी अच्छी है ?
***
रखना दोस्त बचाकर मोती कुछ ख़ुशियों की ख़ातिर भी
छोटे मोटे ग़म पर आती क्या तुग़्यानी* अच्छी है ?(*बाढ़ )
***
सोचा समझा था पुरखों ने फिर कानून बनाये कुछ
आज़ादी की ख़ातिर तन की क्या उर्यानी* अच्छी है ?(*नंगापन )
***
करने दो परवाज़ उसे भी आज़ादी बेटी का हक़
छूट मिले बेटे को उस पर क्या निगरानी अच्छी है ?
***
आप किसी की मूरत तोड़ें या तोड़ें विश्वासों को
हर हालत में सोचें सब क्या यह मनमानी अच्छी है ?
***
एक नज़र तो डाल नई नस्लों पर आज सियासतदाँ
सोच जवानों के सपनों की क्या कुर्बानी अच्छी है ?
***
मान लिया वीरान किया तेरे जीवन को उसने पर
ग़ौर किया जीने की ख़ातिर क्या वीरानी अच्छी है ?
***
बांधों पक्की डोर नहीं तो टूटेंगे या बिखरेंगे
रोज़-ओ-शब की रिश्तों में क्या खींचातानी अच्छी है ?
***
लिखते सच पर ग़ौर नहीं करता कोई जब आज 'तुरंत '
सोचा है क्या तेरी यह आदत बचकानी अच्छी है ?
***
गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' बीकानेरी |
27 /12 /2018
(मौलिक और अप्रकाशित )
Comment
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' साहेब आपकी सराहना से दिल बाग़ बाग़ हो गया | हार्दिक आभार एवं सादर नमन |
आ. गिरधारीलाल जी, अच्छी गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।
भाई राज़ नवादवी जी ,जहाँ तक मेरा ख्याल है आतिश स्त्रीलिंग है इसलिए भड़कानी ही सही प्रयोग है ,दूसरा रदीफ़ चूँकि अच्छी है लिया गया है इसलिए भी भड़कानी ही सही प्रयोग होगा | इसका हिंदी अर्थ भी लिया जाये तो भी भड़कानी ही सटीक बैठ रहा है | अगर मैं इस ग़ज़ल को आना क़ाफ़िया लेकर दुबारा लिखूं तो शायद रदीफ़ अच्छा है लेकर भड़काना लेना सही होगा | लेकिन आपकी सलाह को नज़रअंदाज़ भी नहीं किया जा सकता | क्योंकि आपका दिया गया मिसरा भी सही है अगर रदीफ़ बदल दिया जाये जो फ़िलहाल ग़ज़ल में मुमकिन नहीं लगता | एक बात और आपकी पंक्ति से धर्मों का आपस में क्या आतिश भड़काना अच्छा है-से यह लग रहा है कि धर्म खुद आग भड़का रहे हैं | जबकि "धर्मों की "करने से ऐसा मुझे लगा की लोगों द्वारा धर्मों की आपस में आग भड़कानी अच्छी बात है क्या ? खैर,महत्वपूर्ण मेरे लिए ये है कि इस पंक्ति पर आपकी विशेष नज़र गई | वैसे मेरी ग़ज़लों में इस्लाह की गुंजाईश रहती ही है और आपकी इस्लाह से मुझे भी कुछ सीखने का मौका मिलेगा | इसके लिए और ग़ज़ल पर दाद से नवाजने के लिए तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ |
आदरणीय गिरधारी सिंह साहब, अच्छी ग़ज़ल की प्रस्तुति पे दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ. कृपया इस मिसरे में नज़रे सानी करें-
धर्मों की आपस में क्या आतिश भड़कानी अच्छी है ?
क़वायद के मुताबिक़ सही मिसरा होगा-
'धर्मों का आपस में क्या आतिश भड़काना अच्छा है'
सादर
आदरणीय Samar kabeer जी,आदाब , दुरुस्त फ़रमाया के टाइपिंग मिस्टेक है | ग़ज़ल की दाद देकर आपने जो हौसला आफजाई की है उसके लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ |
जनाब गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
' रखना दोस्त बचाकर मोती कुछ ख़ुशियों के ख़ातिर भी'
इस मिसरे में 'के' की जगह "की" करलें क्योंकि 'ख़ुशियों' और 'ख़ातिर' शब्द स्त्रीलिंग हैं ।
भाई Md. anis sheikh जी ,
बे'पनाह, मुहब्बतों, नवाज़िशों का दिल से बे'हद शुक्रिया ! शाद-औ-आबाद रहें
अच्छी ग़ज़ल हुई है गिरधारी सिंह गहलोत "तुरंत " जी दाद के साथ बहुत बहुत बधाई l
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online