For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दादाजी का वोट - लघुकथा -

दादाजी का वोट - लघुकथा -

विवेक विलायत से इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा गोल्ड मैडल सहित पास करके लौटा था। उसके पास कई विदेशी और भारतीय कम्पनियों के ऑफर थे।

आज परिवार के सभी सदस्य इसी मुद्दे पर अंतिम फैसला करने के लिये बड़े हॉल में एकत्रित हुए थे। सभी की रॉय भिन्न भिन्न थी। लंबी बहस चली लेकिन कोई अंतिम हल नहीं निकला।

तब दादाजी ने सुझाव दिया कि सब अपनी अपनी सलाह लिख कर पर्ची डालें। सभी पर्चियों को खोल कर बहुमत से फैसला होगा।वह सबको मान्य होगा।सभी इससे सहमत हो गये।

सभी की पर्चियाँ एकत्र कर ली गयीं।

पहली पर्ची पिता जी की निकली। उनकी हार्दिक इच्छा थी कि विवेक अमेरिका वाली नौकरी करे ताकि उनको भी अमेरिका घूमने का अवसर मिले।

दूसरी पर्ची माँ की खुली। उनकी चाह थी कि विवेक कलकत्ते की जॉब करे जिससे वे भी उसके साथ बनी रहें और अपने मायके भी जाती रहें जो कि कलकत्ते में ही था।

अगली पर्ची दादी जी की थी।वह चाहती थी कि विवेक दिल्ली में ही नौकरी करे जिससे कि वह जल्दी जल्दी अपने पुश्तैनी निवास पर आता रहे जो कि दिल्ली से बहुत नज़दीक था।

अब केवल दो पर्ची शेष थीं।एक विवेक की और दूसरी दादाजी की।

अगली पर्ची विवेक की खुली।उसकी सोच थी कि वह अपनी खानदानी ज़मीन ज़ायदाद और बागवानी को नये वैज्ञानिक तरीकों से कराये तथा उसी की देखभाल करे।साथ ही अपने माँ बाप और दादा जी और दादी जी की सेवा भी करे।

अभी तक खुली चारों पर्चियाँ अलग अलग सोच की थीं।बहुमत का मुद्दा नदारद था।अब सारा दारोमदार अंतिम पर्ची पर निर्भर था जो कि दादाजी की थी। अगर दादा जी की रॉय किसी से मेल खागयी तो निर्णय हो जायेगा अन्यथा वही ढाक के तीन पात।

सभी दम साधे बैठे दादाजी की पर्ची को आशा भरी नज़रों से देख रहे थे।आखिरकार अंतिम पर्ची खुली। असमंजस समाप्त। दादाजी की पर्ची में एक पद्यांश लिखा था,

"उत्तम खेती, मध्यम बान, निषिध चाकरी भीख निदान।"

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 731

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on October 12, 2019 at 11:06am

हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 12, 2019 at 9:58am

वाह बेहतरीन सीख प्रदान करती हुई लघु कथा...वाह आदरणीय

Comment by TEJ VEER SINGH on October 8, 2019 at 2:40pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 8, 2019 at 2:39pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी।

Comment by vijay nikore on October 8, 2019 at 1:49pm

बहुत ही अच्छी लघु कथा के लिए बधाई, मित्र तेजवीर सिंह जी।

Comment by Sushil Sarna on October 8, 2019 at 12:11pm

आदरणीय तेजवीर सिंह जी बहुत ही गहन भावों की अभियक्ति करती लघु कथा का सृजन हुआ है। हार्दिक बधाई सर।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 7, 2019 at 11:45am

हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब जी।आदाब।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 7, 2019 at 11:44am

हार्दिक आभार आदरणीय सलीम रज़ा रीवा साहब जी।

Comment by Samar kabeer on October 7, 2019 at 8:09am

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by SALIM RAZA REWA on October 6, 2019 at 9:13pm

आदरणीय तेजवीर साहब बहुत अच्छी लघुकथा हुई है बधाई स्वाविकारें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
6 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
14 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
14 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
14 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
14 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
15 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
15 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
15 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
16 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
16 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
16 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service