आँज गगन का नील निगाहें
लगती गहरी झील निगाहें
माँस बदन पर दिख जाये तो
बन जाती है चील निगाहें
आन टिकी है मुझ पर सबकी
चुभती पैनी कील निगाहें
बंद गली के उस नुक्कड़ पर
करती है क्या डील निगाहें
इक पल में तय कर लेती है
यार हज़ारों मील निगाहें
बाँध सकेगा मन क्या इनको
देती मन को ढील निगाहें
दिखने दे ‘खुरशीद’ नज़ारे
किरणों से मत छील निगाहें
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय गोपालनारायण सर ,आदरणीय गिरिराज सर , आदरणीया परी जी ,आदरणीया प्रतिभा जी ,आदरनिये सुशील सर जी,आदरणीय दिनेश जी ,आप सभी का हार्दिक आभार |दिनेश भाई नील=नीला रंग (संस्कृत\पुर्लिंग), आँजना=अंजन लगाना ,,मेरा भाव यह था कि ''नायिका की आँखें गगन का नीला रंग आँज कर किसी गहरी झील के सदृश्य हो गई है " कुछ अच्छे शेर पहले हुये थे बाद में मतला कहा गया था, इस कारण प्रयास में कुछ कमी रही हो |एक बार पुनः स्नेह बरसाए |सादर आभार |
आँज गगन का नील निगाहें
लगती गहरी झील निगाहें
माँस बदन पर दिख जाये तो
बन जाती है चील निगाहें
नमन आपकी लेखनी को आदरणीय .... हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय।
आ० खैरादी जी
इतनी उम्दा गजल कौन लिख सकता है i मतले ने ही मन मोह लिया- आँज गगन का नील निगाहें i शायद 'का ' शब्द में टंकन त्रुटि है i पूरी गजल लाजवाब i शानदार i पुरअसर i सादर i
आदरणीय खुर्शीद भाई , बहुत सुन्दर गज़ल हुई है , काफिया भी बड़ा कठिन लगा मुझे , पर आपने खूबसूरती से निबाह लिया है ॥ आपकओ हार्दिक बधाइयाँ ॥
माँस बदन पर दिख जाये तो
बन जाती है चील निगाहें
आन टिकी है मुझ पर सबकी
चुभती पैनी कील निगाहें --- दोनो अशार बेहद पसंद आये ॥ बधाई , आदरणीय ।
आदरणीय विजयशंकर सर ,आदरणीय हरिप्रकाश सर ,आप महानुभवों का स्नेह सतत अच्छा लिखने को प्रेरित करता है |सादर आभार |
आदरणीय मिथिलेश जी ,सराहना के लिए हृदय से आभार |आपकी तरही ग़ज़ल काफ़ी सुन्दर बनी है |मूल ग़ज़ल को भावों को अधिक विस्तार देती हुई है |तरही मिसरा कील के अर्थ को अधिक मर्म के साथ प्रस्तुत कर रहा है |हार्दिक बधाई |सादर आभार |
कोमल दिल को रोज डराती
"चुभती पैनी कील निगाहें"
आदरणीय कबीर साहब ,गीतिका आपको भायी ,इसके लिए हृदय से आभार |मतला वाकई ढीला लग रहा है ,अगर इसे यूं रखूं
आँज गगन का नील निगाहें
लगती गहरी झील निगाहें
इस मतले पर आपका आशीर्वाद चाहूँगा |सादर |
आदरणीया राजेश कुमारी जी ,गीतिका आपको पसंद आयी इसके लिए हृदय से आभार ,स्नेह बनाय रखियेगा |सादर |
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