For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पतंगों को यूँ  ढील मत देना.

कभी झूठी दलील मत देना.
हालात बना देंगे मजबूर तुझे.
नादान हांथों में कील मत देना.
 दुनिया है ये ताड़ बना सकती है 
इसकी हथेली पर तील मत देना
जिरह करनी है अपने-आप से गर.
खुद को जज्बातों का वकील मत देना.
तुम्हारे घर भी इज्जत का सामान है!
सरे -राह  इशारे  अश्लील मत देना.
अविनाश बागडे.

Views: 436

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 24, 2012 at 10:14pm

खुद को जज्बातों का वकील मत देना. तुम्हारे घर भी इज्जत का सामान है! bahut khoob soorat nasihat saaf saaf, adarrniya mahoday badhai. 

Comment by MAHIMA SHREE on April 24, 2012 at 4:59pm
दुनिया है ये ताड़ बना सकती है
इसकी हथेली पर तील मत देना....

खुद को जज्बातों का वकील मत देना.
तुम्हारे घर भी इज्जत का सामान है!

वाह .... हरेक पंक्तियाँ कितनी खूबसूरती से सच्चाई बयाँ कर रही है ...
अविनाश सर क्या कहने है , बहुत -२ बधाई आपको
Comment by AVINASH S BAGDE on April 24, 2012 at 3:58pm

Abhinav ji,Mridu ji,Vandana ji,Satish sir,Sundeep ji,Rajesh kumari mam.,aadarniy Vinas ji,aur Rakesh ji.....sabhi sudhijano ka hriday se aabhar....

Comment by Abhinav Arun on April 24, 2012 at 12:49pm

हर शेर में एक नया ख़याल उभरा है और मजबूती के साथ हार्दिक बधाई अविनाश जी ||

Comment by satish mapatpuri on April 24, 2012 at 1:36am

दुनिया है ये ताड़ बना सकती है

इसकी हथेली पर तील मत देना
वाह अविनाश जी ....... बॉल चाहरदीवारी के पार .... छका ...... बधाई हो
Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 23, 2012 at 10:39pm
जिरह करनी है अपने-आप से गर.
खुद को जज्बातों का वकील मत देना.
खुबसुरत भावाभियक्ति पर बधाई स्वीकार करें
Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 23, 2012 at 8:37pm

बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल प्रस्तुत की आपने|

तुम्हारे घर भी इज्जत का सामान है!
सरे -राह  इशारे  अश्लील मत देना. --------- बहुत ख़ूब...

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 23, 2012 at 3:20pm

vaah avinaash ji bahut umda bhaav,achhi nasihat deti hui ghazal .badhaai 

Comment by वीनस केसरी on April 23, 2012 at 3:14pm

सुन्दर भावाभिव्यक्ति

Comment by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on April 23, 2012 at 12:15pm

Vah, bahut khub,

जिरह करनी है अपने-आप से गर.
खुद को जज्बातों का वकील मत देना.

Aadarneey Avinaash ji, Sadar Badhai.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service