आँखों में भरे खूँ लिए तलवार खड़ा है
करने को मुझे कत्ल मेरा यार खडा है
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दे दे तु मुझे अपनी दुआओँ का सहारा
चोखट पे तेरी आज ये बीमार खडा है
.
जाने दे मुझे मौत की आगोश मे हमदम
क्योँ बनके मेरी राह मे दीवार खडा है
.
मरकर ही सही आज ये एजाज मिला तो
करने को मेरा आज वो दीदार खडा है
.
गर मुझको मिटाने का वो रखते हें इरादा
हसरत भी फना होने को तय्यार खडा है.
Comment
जाने दे मुझे मौत की आगोश मे हमदम
क्योँ बनके मेरी राह मे दीवार खडा है
वाह वा हसरत भाई खूबसूरत शेर कहे हैं
बधाई
आपकी ग़ज़ल बाबह्र है
मर कर के मुझे आज ये एजाज मिला है
इस मिसरे में के भर्ती का शब्द है मर कर के कि जगह मर कर होना चाहिए
और मिसरे में तलाबुले रदीफ दोष भी आ रहा है
इसे यूं किया जा सकता है ..
मर कर ही सही आज ये एजाज मिला तो
करने को मेरा आज वो दीदार खडा है
आप इसे और अच्छा कह सकते हैं
गर मुझको मिटाने का वो रखता हे इरादा
इस मिसरे को यूं कर लें तो
गर मुझको मिटाने का वो रखते हैं इरादा
दे दे तु मुझे अपनी दुआओँ का सहारा
चोखट पे तेरी आज ये बीमार खडा है
हसरत साहब,बधाईयां
बहोत अच्छी गज़ल है
बधाई स्वीकारे हसरत जी
हसरत साहब,
बड़ी ही ख़ूबसूरत पेशकश है आपकी| मैंने मकता कई बार पढ़ा थोड़ी सी मात्रा बढ़ी हुई लग रही है मगर मेरे ख़याल से ये शेर पूरी तरह से बहर में है| बधाईयां|
//मर कर के मुझे आज ये एजाज मिला है
करने को मेरा आज वो दीदार खडा है//
वाह वाह वाह हसरत साहिब - बहुत खूब. इन दिलकश आशार के लिए मेरी दिली मुबारकबाद कुबूल फरमाएं.
भाई जी मुझे तकनीकी ज्ञान नहीं है , जो बात कही जाये वो लोगों तक सरलता से पहुँच जाये ये ही लक्ष्य रखिये. वर्ना किताबों में बंद पन्ने की तरह रह जायेंगे. लिखते रहिये सब ठीक हो जायेगा. ये मंच बहुत उपयोगी है. यहाँ गुनिजन सप्रेम सुझाव देते हैं . मैं तो उनका ऋणी हूँ. बहुत सुन्दर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति. बधाई.
गर मुझको मिटाने का वो रखता हे इरादा
हसरत भी फना होने को तय्यार खडा है.
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