*जीवन
उलझन ।
* सूने
आँगन ।
* घर-घर
अनबन ।
* उजड़े
गुलशन ।
* खोया
बचपन ।
*भटका
यौवन ।
* झूठे
अनशन ।
* ख़ाली
बरतन ।
* सहमी
धड़कन ।
.
मौलिक और अप्रकाशित ।
Comment
आरिफ़
प्रणमन
बहुत सुंदर सार्थक गागर में सागर भरती हुई लघु ग़ज़ल. आपकी इस उपलब्धि पर हम नाज़ करते हैं बहुत बहुत मुबारकबाद आदरणीय
बहुत सुन्दर आदरणीय आरिफ़ साहब, कम से कम शब्दों में सुंदर भाव लिए आपकी ये ग़ज़ल वाकई उम्दा बनी है.
सृजन को "गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड " से सम्मानित किया गया है! ये जानकार बहुत ख़ुशी हुयी. हार्दिक बधाई आदरणीय आरिफ भाई
वाह। लाजवाब, बहुत बहुत बधाई इस पुरस्कार के लिए आ मोहम्मद आरिफ़ साहब
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