For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इश्क के बाद है क्या मिला?.('जान" गोरखपुरी)

२१२  /  २१२ /    २१२

 

 इश्क  के बाद है क्या मिला?

 वाँ भी था याँ भी पर्दा मिला

.

अब सनम जबकि तुम खो गये

ख़ुद से मिलने का मौक़ा मिला

.

उनके वादों का हासिल है क्या?

हाथ वादों के वादा मिला

.

हमने दुनिया बहुत देखी पर

कोई मुझको न तुमसा मिला

.

लाख़ कोशिश की हमने मगर

दिल से दिल का न सौदा मिला

.

जब खुला ख़त मेरे वास्ते

नाम हर शय में उसका मिला

.

बेतकल्लुफ़ न इतना हो “जान”

आज तक तुझको है क्या मिला?

******************************************

मौलिक व् अप्रकाशित (c) 'जान' गोरखपुरी

******************************************

Views: 821

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on August 4, 2015 at 7:30pm

आ० गिरिराज सर आपके मुक्तकंठ से प्रसंशा पाकर गज़ल पूर्ण हुयी,मन गदगद हुआ! नमन!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on August 4, 2015 at 7:29pm

 गज़ल को स्नेह देने के लिए हार्दिक आभार आ० इन्तजार सर!!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on August 4, 2015 at 7:28pm

तहेदिल से शुक्रिया आ० प्रतिभा जी!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on August 4, 2015 at 7:27pm

आ० विनय सरजी! आत्मीय प्रसंशा के लिए तहेदिल से आभार!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on August 4, 2015 at 7:26pm

आ० राजेश कुमारी ज़ी,आपको गज़ल पसंद आई रचनाकर्म सार्थक हुआ! हौसलाफजाई के लिए हार्दिक आभार!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 4, 2015 at 1:41pm

अब सनम जबकि तुम खो गये

ख़ुद से मिलने का मौक़ा मिला  -- बहुत खूब आदरनीय , कृष्णा भाई , ग़ज़ल के लिये हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on August 4, 2015 at 8:03am

आदरणीय कृष्णा जी उम्दा शेर हैं ......

अब सनम जबकि तुम खो गये

ख़ुद से मिलने का मौक़ा मिला

Comment by pratibha pande on August 3, 2015 at 10:06pm

अच्छी ग़ज़ल के लिए आपको बधाई आ० कृष्ण मिश्रा जी  

Comment by विनय कुमार on August 3, 2015 at 9:23pm

// अब सनम जबकि तुम खो गये
ख़ुद से मिलने का मौक़ा मिला // , वाह , वाह , बहुत उम्दा , बधाई इस ग़ज़ल के लिए आदरणीय..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 3, 2015 at 9:15pm

सुन्दर ग़ज़ल कही है कृष्ण भैया,तहे दिल से दाद लीजिये | 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय उस्ताद-ए-मुहतरम साहिब को सादर अभिवादन "
58 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"सबका स्वागत है ।"
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . रोटी

दोहा पंचक. . . रोटीसूझ-बूझ ईमान सब, कहने की है बात । क्षुधित उदर के सामने , फीके सब जज्बात ।।मुफलिस…See More
7 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा पंचक - राम नाम
"वाह  आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत ही सुन्दर और सार्थक दोहों का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
दिनेश कुमार posted a blog post

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार ( गीत )

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार( सुधार और इस्लाह की गुज़ारिश के साथ, सुधिजनों के…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा पंचक - राम नाम

तनमन कुन्दन कर रही, राम नाम की आँच।बिना राम  के  नाम  के,  कुन्दन-हीरा  काँच।१।*तपते दुख की  धूप …See More
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, पद प्रवाहमान हो गये।  जय-जय"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, आपकी संशोधित रचना भी तुकांतता के लिहाज से आपका ध्यानाकर्षण चाहता है, जिसे लेकर…"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service