For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आल इज  वेल इन बोर-वेल......!!!!
--------------------------------------------------
फिर बोर-वेल ने सेना और इलेक्ट्रोनिक मिडिया को काम पे लगा दिया.
इसके  इजाद करने वाले ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसके बोर-वेल को प्रसिद्धि की ऐसी  खुराक नसीब होगी.
पहले भी सरकारी दफ्तरों की कृपा से बोर-वेल ने काफी नाम कमाया है.धरती की छाती पर जितने बोर-वेल नहीं गड़े होंगे उससे कई गुण ज्यादा तो पेपरों की शान बढ़ा रहें है.
इससे जनता को पानी मिला हो या ना मिला हो मगर इससे निकली नोटों की धार ने संत्री से लेकर वाटर-सप्लाई विभाग के मंत्री तक के घडो को लबा-लब किया है.
धीरे-धीरे इस चमत्कारी आईटम ने कागजों से निकल कर सीधे-सीधे ग्राउंड वर्क शुरू कर दिया.
अब तक प्रिंस से लेकर ना जाने कितने मासूम बच्चों के नाम पर बोर-वेल ने इन्तेर्नेश्नल लेवल पे सुर्खियाँ बटोरी है.
प्रिंस को तो लोग कब का भूल गए मगर बोर-वेल है की किसी ना किसी बच्चे के बहाने सामने आ कर खड़ा हो जाता है.
बनाने वाले को कभी लगा नहीं होगा की उनका प्रोडक्ट इतना नाम कमाएगा.
काम था पानी का...जनता की प्यास बुझाने का
मगर समय के साथ ...काम पानी का ही हो रहा है ...पर दुध्मुहों बच्चो के लिये आँखों से बहने वाले अश्कों के पानी का.
बहुत दिनों से पडोसी पाकिस्तान भी केवल भड़काने की बात कर रहा है...उदध करने का नाम ही नहीं ले रहा.
युद्ध स्तर तक आते-आते कभी क्रिकेट तो कभी किसी बहने वो टरकामायसिन थमा देता  है सो हमारी सेना के पास कोई काम-धंधा नहीं बचा
भला हो बोर-वेल के खुले हुये मुखों का जसने देश की दो अग्रगण्य संस्थाओं एक सेना तो   दूजी मिडिया को फुल टाइम काम पे लगा दिया.
सेना को आजकल चौबीसों घंटे अलर्ट पे रखा जाता है.
ना जाने कब देश के किस भाग में किसी बोर-वेल का मुख किसी बच्चे की बलि लेने पे उतारू हो जाये.
फिट काम है वही बोर-वेल के बाजु में बड़ा सा सामानांतर कुआँ खोदो....बोर-वेल से कनेक्ट करो....बच्चे को निकल लो
आजकल हमारी सेना बोर-वेल से बच्चा निकालू काम में बला की एक्सपर्ट हो चुकी है
विश्व -स्तर पर हमारी सेवाओं के विस्तार करने की जरुरत है 
रेवेन्यु जनरेट करने का एक और मौका....वित्त-मंत्रिबनाम प्रधान मंत्री इस ओर खास ध्यान दे.
अब मिडिया का रोल
खास कर इलेक्ट्रोनिक मिडिया ने इस क्षेत्र में अच्छे झंडे गाड़े हैं.पूरा देश खाना-पीना छोड़ के तब तक टेलीविजन के सामने डटा रहता है जब तक बोर-वेल से बच्चा बाहर ना आ जाये.जनता की भावनाओं से जुड़े मसले टी.आर. पी.  के लिये अच्छी दुधारू गाएँ सिद्ध होती है सो मिडिया पूरे लाव-लश्कर के साथ ऐसी देश-सेवा में जुटा रहता है...थ्रिलिंग आइटम है...धांसू कव्हरेज जाता है.
सुना है बोर-वेल के मामलों के कव्हरेज हेतु  हर चैनल अपने में कुछ क्रन्तिकारी बदलाव लाने की रन-नीति तैयार करने में जुटा है.सेना भी एक बोर-वेल बटालियन के गठन  का गंभीरता से विचार कर रही है.
देश में तमाम बोर्वेलो का गहन अध्ययन जारी है ताकि भविष्य में बोर-वेल में बच्चा गिरते ही सम्बंधित विभाग तुरंत हरकत में आ जाये.
सभी बोरवेल को नेटवर्क से जोड़ने पर भी विचार शुरू है ता कि  देश  के तमाम खुले पड़े बोरवेल के पल-पल का हिसाब सामने हो.
परिवार नियोजन वाले भी अपने ढंग से जन-संख्या नियंत्रण हेतु इन बोरे-वेलो पर नज़र रखे हुये है.
"बोर-वेल में घुस-घुस कर,आज के नौनिहाल
ऊँचा करने में जुटे,भारत-भू का भाल!!!!!!"
-------------------
अविनाश बागडे...

Views: 660

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AVINASH S BAGDE on July 6, 2012 at 8:52pm

 Yogi Saraswat .+..UMASHANKER MISHRA = dhanywad.

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 4, 2012 at 11:41pm

बहुत ही मनभावन व्यंग मजा आ गया सर जी

आखरी लाईन में तो छक्का जड़ दिया .क्या बात है हुजुर आप की आलराउंडरी का

Comment by Yogi Saraswat on July 4, 2012 at 12:35pm

आपकी इशारों इशारों में कही हुई बात का मंतव्य स्पष्ट है और सटीक भी ! बहुत यथार्थ व्यंग्य !

Comment by AVINASH S BAGDE on July 3, 2012 at 8:44pm

लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला जी आपने जिस अंदाज़ से मेरी व्यंग्य रचना का विवेचन किया...दिल को छू गया.

Comment by AVINASH S BAGDE on July 3, 2012 at 8:43pm

सौरभ जी...आप ने इस कटाक्ष कि आत्मा को परखा...आपका साधुवाद.

Comment by AVINASH S BAGDE on July 3, 2012 at 8:43pm

राजेश कुमारी जी...बहुत-बहुत आभार.

Comment by AVINASH S BAGDE on July 3, 2012 at 8:43pm

रेखा जोशी मेम ...शुक्रिया.

Comment by AVINASH S BAGDE on July 3, 2012 at 8:42pm

'अभिनव ' जी आपके सुझाव को ध्यान में रखूँगा...आभार आपके शब्द-बल का.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 3, 2012 at 11:42am
सेना का अलर्ट, न्यूज़ चेनल वालो का कवरेज, परिवार नियोजन वालो का, जन-संख्या नियंत्रण 
हेतु बोरे-वेलो पर नज़र, "बोर-वेल में घुस-घुस कर,आज के नौनिहाल ऊँचा करने में जुटे,भारत-भू का भाल!"
अविनाश बागडेजी आपने भी सब उजागर कर, कर दिया कमाल...लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर 

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 2, 2012 at 10:44pm

विद्रुपता का विरोध तीखा व्यंग्य ही कर सकता है.  आपकी कोशिश के लिये सादर बधाई, आदरणीय अविनाशजी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
Wednesday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
Tuesday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"आदरणीय उसमानी साहब जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला उसके लिए हार्दिक आभार। जो बात आपने कही कि…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service