"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
दामिनी टो मरकर भी जीवित है, पर अब कोई और अबला पर यह कहर ना टूटे | समाज में सभी को प्रभु सद्बुद्धि दे
सुन्दर भाव रचना के लिए बधाई आदरणीया लता तेज जी
Dhanyabaad गीतिका 'वेदिका' ji aap ki sujhav bahut hi sarahniya hai ... koshish karungi ki aap ki salah par khari utarsakun
भाव पक्ष: मजबूत और संवेदनशील कथ्य
शिल्प पक्ष: संवेदना के साथ सरसता भी चाहिए|
नेक विषय पर कलम चलाने हेतु बधाई !!
धन्यबाद Baidya Nath 'सारथी' ji sadar
Dr.Prachi Singhji aap ki अधूरी कहानी को पूरा कीजिये..... बहुत ही सुन्दर कहानी है ...और इस कहानी को अरुन शर्मा 'अनन्तji, annapurna bajpaiji, जिस तरह से आगे बढ़ाया है काबिले तारीफ है… बहुत बहुत बधाई ..अरुन शर्मा 'अनन्तji, annapurna bajpaiji,
बृजेश नीरज ji, Dr.Prachi Singh ji, माफ़ी चाहूंगी, मैं स्वतः हिंदी न होने हेतु व्याकरण में त्रुटियाँ दिखाई देती है , जैसे की मैं यहाँ आप जैसी महान साहित्य रचना कारों से कुछ ज्ञान प्राप्त करने आई हूँ, इसलिए इन त्रुटीयों को माफ़ करते हुए मुझे मेरी गलतियों का एहसास देने हेतु बहुत बहुत आभार हूँ। आगे भी स्नेह बने रखे। सादर।
आदरणीय Laxman Prasad Ladiwala ji, annapurna bajpaiji, अरुन शर्मा 'अनन्तji, जितेन्द्र 'गीत'ji, Abhinav Arunji, बृजेश नीरज ji, Dr.Prachi Singh ji रचना को सरहाने के हेतु बहुत बहुत धन्यबाद...कुछ दिन से मेरी अनुपस्थिति के कारण उत्तर प्रत्युत्तर में देरी हुई इस हेतु माफ़ी चाहूंगी। सबकी आशीष और स्नेह के बनी रहे, सादर .
संवेदनात्मक अभिव्यक्ति ... बढ़िया ::)
ज़िंदगी की आस लगाए कोई और दामिनी दम ना तोड़ दे... इस पीढा को चिंता को अभिव्यक्त करती मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति के लिए शुभकामनाएँ
कुछ व्याकरण व टंकण त्रुटियाँ रह गयी हैं..उन्हें सही कर लें
सादर.
दामिनी के दर्द कहाँ भुलाया जा सकता है. ये ऐसी चोट है समाज पर जिसकी तीस बरसों तक बनी रहेगी.
दामिनी की पीड़ा को बहुत अच्छे से सब्द मिले हैं. आपको हार्दिक बधाई.
एक निवेदन जरूर करना चाहूँगा. ये मेरे विचार हैं, हो सकता है की आप सहमत न हों. लेकिन कविता करते समय अपनी भावनाओं के प्रवाह को नियंत्रित कर उन्हें शब्दों में पिरोना ही कवी या रचनाकार की कला है. आपकी ये रचना कविता कम एक स्टेटमेंट अधिक हो गयी है.
खैर, उस पीड़ा को शब्द देने के लिए आपको एक बार फिर बहुत बहुत बधाई.
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