मित्र मिलते कहाँ हैं ? मेरा सौभाग्य कि आपने इस योग्य पाया , यतन से निर्वाह करूँगा इस अनमोल रिश्ते का . अन्तः हृदय से कृतार्थ |ईश्वर आपको सुखी और सात्विक रखें |
आदरणीय सुशील सर, पूर्व निर्धारित मिसरे के रदीफ, काफिया एवं बह्र पर आधारित ग़ज़ल को तरही ग़ज़ल कहा जाता है, दिये गये मिसरे का प्रयोग ग़ज़ल के किसी एक शेर में किया जाता है। सादर,
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Sushil Sarna's Comments
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आदरणीय सुशील सरना जी दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभ कामनायें।
आदरणीय सुशीलजी............
मित्रता के योग्य समझा , हृदय से धन्यवाद
आदरणीय सुशील सरना जी,
महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना के चयन पर बधाई के लिए सहृदय आभार !
सदस्य कार्यकारिणीशिज्जु "शकूर" said…
आदरणीय सुशील सरना सर ग़ज़ल भी कविता का ही एक रूप माना जा सकता है तुकांत कविता
हार्दिक आभार स्वीकारें आदरणीय सुशील जी | सादर
सदस्य कार्यकारिणीशिज्जु "शकूर" said…
आदरणीय सुशील सर,
पूर्व निर्धारित मिसरे के रदीफ, काफिया एवं बह्र पर आधारित ग़ज़ल को तरही ग़ज़ल कहा जाता है, दिये गये मिसरे का प्रयोग ग़ज़ल के किसी एक शेर में किया जाता है।
सादर,
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
आपको सपरिवार आप को होली की शुभकामनाएँ
सादर
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
आदरणीय सुशील जी, आप का सादर धन्यवाद कि मेरे कहे को आपने मान दिया.
लेकिन ये सारी बातें आप अपनी प्रस्तुति पर ही मेरी टिप्पणी के प्रत्युत्तर के रूप में लिख देते न !
इस व्यक्तिगत मेसेज का क्या अर्थ हुआ ? आप प्रयास करते हैं यह अच्छी बात है. लेकिन प्रयास को स्वीकार करना प्रयास को मान दिलाता है.
सादर
आदरणीय सुशील भाई ,
हार्दिक धन्यवाद , आभार और आपके पूरे परिवार के लिए मंगलमय नव वर्ष की शुभकामनायें ॥
स्वागत आप का आदरणीय | सादर
क्षणिकाये पसंद आने के लिये धन्यवाद
सुशील सरना जी
आपका शत-शत आभार i
सादर i
सादर आभार
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