For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नाम आपका रोशन कर दूं

शिक्षा देने वाले हे गुरुजनों,
कैसे आपका बखान करूं।
सूरज को दिया दिखाने जैसा,
कैसे ये तुच्छ काम करूं।।

ज्ञान शस्त्र जो मिला आपसे,
फिर दुनियां से क्यूं डरूं।
अज्ञानता के अन्धकार को,
जन जन के जीवन से दूर करूं।।

शिक्षक दिवस पर सभी गुरुजनों को,
हाथ जोड़ वंदन करूं।
बिना रुके बिना झुके,
आपके प्रशस्त मार्ग पर बढ़ती रहूं।।

किताबी ज्ञान को व्यवहारिक कर
जीवन में कूट कूट कर भर लूं।
समानता का अधिकार दिलाने,
दुनियां से भी मैं लड़ लूं।।

बुराई पर अच्छाई की विजय ,
उम्मीद का दिया ना बुझने दूं।
बनकर सबकी रोल मॉडल,
नाम आपका रोशन कर दूं।।

नीता तायल
कासगंज ,उत्तर प्रदेश
"मौलिक और अप्रकाशित"

Views: 543

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeta Tayal on September 12, 2020 at 8:48pm

आदरणीय सर जी ,आपके प्रोत्साहित शब्दों ने मुझ में एक नई ऊर्जा भर दी है

Comment by Harash Mahajan on September 12, 2020 at 8:33pm

आदरणीय नीता तयाल जी खूबसूरत आगाज़ किया है आपने । बहुत अच्छी रचना । दाद कबूल कीजियेगा ।

Comment by Neeta Tayal on September 12, 2020 at 7:49pm
आदरणीय सर,आपके कथित नियमों का पालन करने की पूरी कोशिश करूंगी,आगे भी आप इसी तरह मुझे मार्ग प्रशस्त करते रहिएगा
Comment by Samar kabeer on September 12, 2020 at 7:43pm

//जी शुक्रिया//

एक बात आपको बताना चाहता हूँ, और वो ये कि ओबीओ दूसरे मंचों से अलग है,इसे सीखने सिखाने के उद्देश्य से बनाया गया है, कुछ नियम तो इसमें लिख दिए गए हैं और कुछ आपसी सहयोग से इसकी परिपाटी बन गए हैं ।

इनमें एक परिपाटी ये है कि जब हम किसी रचना पर टिप्पणी दें तो सबसे पहले आदर सूचक शब्दों से रचनाकार का नाम लेकर सम्बोधित करें,उसके बाद यदि रचना अच्छी लगी हो तो उसकी तारीफ़ की जाए,अगर कोई बात समझ न आये या रचनाकार को समझाना हो तो अच्छे शब्दों में अपनी बात रखें । सिर्फ़ अपनी रचना पोस्ट करने से मंच पर आपकी सक्रियता नहीं बनेगी,बल्कि ये आपका अख़लाक़ी फ़र्ज़ है कि अपने साथियों की पोस्ट पर जाकर उनकी रचना पर अपने विचार रखें उस पर आई हुई टिप्पणियों को पढ़ें,कोई चर्चा हो रही हो तो उसमें भाग लें,भाग न लें तो पढ़ें ज़रूर,मुमकिन है आपको कुछ सीखने को मिल जाये ।

दूसरी तरफ़ जब हम अपनी रचना पर आई टिप्पणियों के जवाब दें तो पहले जिस जिस ने आपकी रचना पर टिप्पणी दी है उन्हें अलग अलग पहले आदर सूचक शब्दों से उनका नाम लेकर उन्हें सम्बोधित करें,फिर उनकी टिप्पणी का उचित जवाब दें ।

उम्मीद है मंच की इस परिपाटी को निभाने में आप सहयोग करेंगी ।

Comment by Neeta Tayal on September 10, 2020 at 10:37pm

जी शुक्रिया

Comment by आशीष यादव on September 10, 2020 at 10:27pm

बहुत अच्छे विचार आए हैं। एक बेहतर प्रयास है। और अभ्यास से शिल्प भी बेहतर होता जाएगा। इस रचना पर बधाई स्वीकारें। 

Comment by Samar kabeer on September 7, 2020 at 7:44pm

मुहतरमा नीता जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, बहुत शानदार ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
31 seconds ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आप का बहुत धन्यवाद।  "दोज़ख़" वाली टिप्पणी से सहमत हूँ। यूँ सुधार…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service