For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल-कूचे में बेवफ़ा के

221 2122 221 2122

1

दरिया है आँसुओं का कूचे में बेवफ़ा के

जाना वहाँ से यारा दामन ज़रा बचा के

2

इक बात ये बता दे मेरे हसीन क़ातिल

लेता है जान कैसे तू यार मुस्कुरा के

3

पूछेगी इक न इक दिन तुमसे भी ज़िन्दगानी 

हासिल हुआ तुम्हें क्या ईमान को गँवा के

4

उल्फ़त की वादियों से रूठे रहेंगे कब तक 

देखें तो आप इक दिन दिल इनसे भी लगा के

5

पूछा है आसमाँ से कल रात छत पे आ कर

जीता है किस तरह वो उजली शुआ छिपा के

6

साबित ज़रूर होगी अपनी भी बेगुनाही

रखले हज़ार ताले चाहे तो तू लगा के

7

उसका पता बता दे ओ ज़िन्दगी के मालिक

जो दूर जा बसा है मेरी धड़कनें चुरा के

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 859

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rachna Bhatia on March 16, 2021 at 5:29pm

आदरणीय बृजेश कुमार ब्रज जी नमस्कार। हौसला बढ़ाने के लिए आभार।

Comment by Rachna Bhatia on March 16, 2021 at 5:28pm

आदरणीय कृष मिश्रा जी हौसला बढ़ाने के लिए आभार।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 16, 2021 at 4:07pm

वाह बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल कही आदरणीया...बधाई

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 12, 2021 at 12:08pm

अच्छी ग़ज़ल हुई है आ. रचना जी हार्दिक बधाई

Comment by Rachna Bhatia on March 11, 2021 at 12:44pm

आदरणीय सर् नमस्कार। जी सर्

इस्लाहके लिए आपकी आभारी हूँ। सादर।

Comment by Samar kabeer on March 11, 2021 at 12:17pm

//शुआ'अ" हटाकर क्या "किरण" लिख दूँ//

'किरण' ठीक रहेगा ।

'जो दूर जा बसा है मेरी धड़कनें चुरा के'

इस मिसरे को यूँ कर लें:-

'बैठा है दूर दिल की जो धड़कनें चुरा के'

Comment by Rachna Bhatia on March 11, 2021 at 11:36am

आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी नमस्कार।जी सहीह कहा आपने।सर् से 'है' हटाने के लिए पूछा है।सर् की राय का इंतज़ार है। सादर।

Comment by Rachna Bhatia on March 11, 2021 at 11:35am

आदरणीय लक्ष्मण धामी'मुसाफ़िर'भाई नमस्कार। भाई हौसला बढ़ाने के लिए आभार।

Comment by Rachna Bhatia on March 11, 2021 at 11:34am

आदरणीय समर कबीर सर् सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने के लिए आपकी तहेदिल से आभारी हूँ।

सर् बहुत ख़ूब सानी कर दिया आपने। फेयर में सुधार कर लेती हूँ।

सर्, संज्ञान के लिए आपकी आभारी हूँ।सर् "शुआ'अ" हटाकर क्या "किरण" लिख दूँ ।

'जो दूर जा बसा है मेरी धड़कनें चुरा के'

जी सर् ग़लती हो गई।क्षमा चाहती हूँ सर् है हटाने से ठीक हो जाएगा क्या।

सादर।

ये मिसरा बह्र से ख़ारिज है,देखियेगा ।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on March 10, 2021 at 9:42pm

मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें।

ग़ज़ल का आख़िरी मिसरा बह्र में नहीं है।  सादर। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
12 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
17 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service