For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ को एक छोटी सी भेंट---ग़ज़ल

212 212 212 212

साल बारह का अब है हुआ ओबीओ 

उम्र तरुणाई की पा गया ओबीओ

शाइरी गीत कविता कहानी ग़ज़ल

के अमिय नीर का है पता ओबीओ

संस्कार औ अदब का यहाँ मोल है

लेखनी के नियम पर टिका ओबीओ 

गर है साहित्य संसार का आइना

तब तो दर्पण ही है दुनिया का ओबीओ

सीखने व सिखाने की है झील तू

ये भी पंकज तुझी में खिला ओबीओ 

मौलिक अप्रकाशित

Views: 1030

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 11, 2022 at 8:21pm

आदरणीय ब्रज जी बहुत बहुत आभार

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 11, 2022 at 7:55pm

भई वाह क्या ही खूब कहा आदरणीय...

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 10, 2022 at 10:19pm

आदरणीय लक्ष्मण सर सादर आभार, हार्दिक अभिवादन

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 10, 2022 at 10:19pm

आदरणीय मिथिलेश सर सादर अभिवादन सहित हार्दिक आभार

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 8, 2022 at 6:41am

आ. भाई पंकज जी, वर्षगाँठ पर सुंदर गजल हुई है । हार्दिक बधाई।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 8, 2022 at 2:02am

आदरणीय पंकज जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने। हार्दिक बधाई। सादर।

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 7, 2022 at 5:10pm

आदरणीय बाऊजी आपके आदेश का पालन अवश्य होगा।

Comment by Samar kabeer on April 7, 2022 at 2:22pm

साथियों की रचनाएँ भी आपकी टिप्पणी चाहती हैं अज़ीज़म ।

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 7, 2022 at 10:22am
आदरणीय रचना जी सादर अभिवादन सहित आभार
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 7, 2022 at 10:21am
आदरणीय प्राची जी सादर आभार। सादर अभिवादन

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी ' मुसफ़िर' जी सादर अभिवादन अच्छी ग़ज़ल हुई है हार्दिक बधाई स्वीकार…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीया रिचा यादव जी सादर अभिवादन बेहतरीन ग़ज़ल हुई है वाह्ह्हह्ह्ह्ह! शैर दर शैर दाद हाज़िर है मतला…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सादर अभिवादन उम्द: ग़ज़ल हुई है हार्दिक बधाई शैर दर शैर स्वीकार करें!…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी ' मुसफ़िर' जी सादर अभिवादन!आपका बहुत- बहुत धन्यवाद आपने वक़्त…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन।सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सादर नमस्कार आपका बहुत धन्यवाद आपने समय दिया ग़ज़ल तक आए और मेरा हौसला…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी, सादर आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. रिचा जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी सहृदय शुक्रिया आदरणीय इस मंच के और अहम नियम से अवगत कराने के लिए"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
11 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service