For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुछ ख़ास लिए आई होली

कुछ ख़ास लिए आई होली 

मौसम भी अब रुख बदल रहा 
कभी सर्द  लगा , कभी गर्म रहा 
बेमन सा सब ,बेस्वाद हुआ 
चलते चलते ज्यों ठिठक रहा 
ऐसे में रंग को संग लिए 
उत्साह लिए आई होली ..
दुर्भाव गया ,न भेद रहा 
न क्रोध रहा ,न खेद रहा 
शत्रु भी मिल कर मित्र हुआ 
सब बैर गया,न द्वेष  रहा 
रंगों में प्रीत का रंग लिए 
सद्भाव लिए आई होली ..
खुश हो , बुरा सब बीत रहा 
अच्छा होगा ,जो रीत रहा 
ये उलझा मन आश्वस्त हुआ 
फिर से सत्य जो जीत रहा 
साहस का नवसंचार लिए 
विश्वास लिए आई होली ...
कहीं गालों पे है निखर रहा,
कहीं आँखों से है बरस रहा 
हर भाव,जीवन का रंग हुआ 
सबके जीवन में बिखर रहा 
चलना जीवन , सन्देश लिए 
एक आस लिए आई होली ..
कुछ ख़ास किये आई होली।।
कुछ ख़ास लिए आई होली ...  

Views: 459

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Lata R.Ojha on April 1, 2013 at 1:43am

 धन्यवाद  JAWAHAR LAL SINGH ji :)

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on March 27, 2013 at 5:09am
एक आस लिए आई होली ..
कुछ ख़ास किये आई होली।।
कुछ ख़ास लिए आई होली!!
बहुत ही सुन्दर!
कुछ खास की आशा ही नवजीवन का संचार करते है.
Comment by Lata R.Ojha on March 26, 2013 at 2:45pm

  धन्यवाद , आपको भी रंगोत्सव की अनेकानेक शुभकामनाएं आदरणीय Dinesh Dhyani ji :)

Comment by Lata R.Ojha on March 26, 2013 at 10:31am

आभार ...होली की अनेकानेक शुभकामनाएं आदरणीय Kewal Prasad ji :)

Comment by Lata R.Ojha on March 26, 2013 at 10:29am

धन्यवाद  आपको भी रंगोत्सव की अनेकानेक शुभकामनाएं आदरणीय  ram shiromani pathak ji  :)

Comment by Lata R.Ojha on March 26, 2013 at 10:26am

बहुत बहुत धन्यवाद  व  होली की रंगभरी शुभकामनाएं आपको भी  vandana tiwari ji :) 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 25, 2013 at 5:34pm

आदरणीया लता आर0 ओझा जी, हर भाव जीवन का रंग हुआ
सबके जीवन में बिखर रहा
चलना जीवन  सन्देश लिए
एक आस लिए आई होली .. बहुत बहुत सुन्दर बधाई स्वीकारें।

Comment by ram shiromani pathak on March 25, 2013 at 11:46am

बहुत सुन्दर आदरेया लता जी!
होलिकोत्सव की आपको ढेरों शुभकामनाएं।

Comment by Vindu Babu on March 25, 2013 at 10:42am
एक आस लिए आई होली
कुछ खास किए आई होली
कुछ खास लिए आई होली
बहुत सुन्दर आदरेया लता जी!
होलिकोत्सव की आपको ढेरों शुभकामनाएं।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
18 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
yesterday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"आदरणीय उसमानी साहब जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला उसके लिए हार्दिक आभार। जो बात आपने कही कि…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service