For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दीपावली पर ओबीओ के लिये शुभकामना

छंदों के दीप जलें, शायरी की झिलमिल हो
हँसी खुशी भरी सदा, ओबिओ की महफिल हो

साहित्य करे उन्नति, भाषा का विकास हो
इस मंच पर सदा-सदा स्नेह का प्रकाश हो

सभी विधाओं का सभी दिशाओं में उत्थान हो
सभी नयी प्रतिभाओं के लिये यहां मुस्कान हो

समस्त लक्ष्य - योजना व स्वप्न साकार हो
आने वाले पल के सदा हाथ में उपहार हो

दीपावली की 'चर्चिती शुभकामना' फलीभूत हो
इस मंच के सभी प्रयास सफल व अनुभूत हों

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 1016

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Kiran Arya on December 9, 2013 at 1:21pm

विशाल वाह ये अंदाज़ लाजवाब है हमेशा की तरह ही ......बहुत सुंदर

Comment by Sushil.Joshi on November 9, 2013 at 12:03pm

बहुत ही खूबसूरत शुभकामनाएँ सँजोयी हैं आपने इस प्रस्तुति में आ0 विशाल भाई...... बहुत बहुत बधाई....


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 7, 2013 at 8:53pm

ओबीओ परिवार के सदस्यों के शुभकामना भावों को संजोते हुए दीपावली पर मंच के प्रति इस ख़ास शुभकामना सन्देश के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आ० विशाल जी.

आपको भी दीपावली पर बहुत बहुत शुभकामनाएं 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 7, 2013 at 5:02pm

I personally feel gratified' Thanks a lot.

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on November 6, 2013 at 11:17pm

रमेश भाई, गिरिराज सर जी, कुन्ती जी, अभिनव भाई, राम शिरोमणि जी, जितेन्द्र भाई, लक्ष्मण सर जी, अरुन भाई, बृजेश भाई जी, सचिन भाई एवं सरिता जी आप सभी का हृदय से आभार एवं हार्दिक शुभकामनायें !!!

Comment by Sarita Bhatia on November 6, 2013 at 7:14pm

वाह विशाल जी बहुत खूब 

आपको भी बहुत बहुत बधाई 

Comment by Sachin Dev on November 6, 2013 at 6:49pm

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं आपको भाई विशाल जी ! 

Comment by बृजेश नीरज on November 6, 2013 at 5:15pm

विशाल भाई जी आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!

Comment by अरुन 'अनन्त' on November 6, 2013 at 1:51pm

आदरणीय विशाल भाई जी आपको भी दीपावली पर्व की ढेरों शुभकामनाएं हार्दिक आभार आपका बहुत ही सुन्दर रचना बधाई स्वीकारें

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 5, 2013 at 9:57am

ओबीओ के लिए शुभकामनाए हमारी ओर से भी | सुन्दर रचना के लिए बधाई दीपवाली की शुभ कामनाओं सहित स्वीकारे 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
18 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
yesterday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"आदरणीय उसमानी साहब जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला उसके लिए हार्दिक आभार। जो बात आपने कही कि…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service