For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अभी जो देखकर गुज़रा हूँ रास्ते से
वो एक प्रतिछाया भर थी... वंचित जमाअ़त की.

एक दलित की बेटी
जो नहा रही थी
सड़क के किनारे गडे़ चापानल पर.

मुश्किल से गिरते पानी
और नहाने की शीघ्रता.
एक कुढ़न झेलती...
क्योंकि वह थी अर्द्धनग्न
चुभ रही थीं उसे आते-जाते
किशोरवय,अर्द्धवय लोगों की दृष्टियाँ.

बांस दो बांस की दूरी पे
उन दलितों के घर.
घर क्या...
आँगन और कोठरियाँ कुछ कुछ एक से
कहीं कहीं से फूस की धँसती छतें.

आँगन के एक कोने में 'चुभदी',
बच्चों के शौचकर्मार्थ.
और,
घुटने तक की मिट्टी की चहारदीवारी.

मतलब सबकुछ बेपर्दा...

कोठरी से लेकर आँगन तक
यौवन से लेकर जीवन तक.

पर्दे की अोट में है तो बस...
सरकार की 'इंदिरा आवास योजना'.

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 451

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shree suneel on December 9, 2015 at 7:46pm
रचना को समय देने की लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय शहजाद उस्मानी जी. सादर.
Comment by shree suneel on December 9, 2015 at 7:43pm
शुक्रिया आदरणीय सुशील सरना सर जी. सादर.
Comment by shree suneel on December 9, 2015 at 7:40pm
बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. सादर
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 9, 2015 at 2:07am
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ आपको आदरणीय श्री सुनील जी
Comment by Sushil Sarna on December 8, 2015 at 12:59pm

इस प्रस्तुति   के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय। 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 8, 2015 at 11:05am

इस रचना के लिए हार्दिक बधाईl

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service