For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -- "इसके आगे बस ख़ुदा का नाम है" / दिनेश कुमार

2122--2122--212

भाग्य तेरे कर्म का परिणाम है
तुझ पे ही निर्भर तेरा अंजाम है

मेरे हमराही को भी ठोकर लगी
मेरे दिल को अब ज़रा आराम है

सिर्फ़ सच की राह पर चलता हूँ मैं
आबला-पाई मेरा इनआ'म है

उसकी मर्ज़ी है अता कुछ भी करे
बस दुआ करना हमारा काम है

शख़्सियत अपनी निखारो मुफ़्त में
मुस्कुराहट का न कोई दाम है

हम फ़क़ीरों की नज़र से देखिये
जिस्म इक मन्दिर है पावन धाम है

हम यथा सम्भव मदद सब की करें
आदमीयत का यही पैग़ाम है

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 897

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Kalipad Prasad Mandal on December 28, 2017 at 10:33pm

बहुत सुन्दर प्रयास हुआ है आ दिनेश कुमार जी | बधाई हो |आदरणीय समर साहिब की बात पर  गौर करें |

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 28, 2017 at 7:13pm

बहुत सुंदर हार्दिक बधाई ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 28, 2017 at 6:25pm

जनाब दिनेश कुमार साहिब ,सुन्दर ग़ज़ल हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 27, 2017 at 8:47pm

बहुतखूब बहुतखूब आदरणीय बेहतरीन ग़ज़ल

Comment by Mahendra Kumar on December 27, 2017 at 10:44am

बढ़िया ग़ज़ल है आ. दिनेश जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by Samar kabeer on December 26, 2017 at 9:17pm

गिरह चस्पां नहीं हुई दिनेश जी ।

Comment by दिनेश कुमार on December 26, 2017 at 6:44pm

आपकी मुहब्बतों को तहे दिल से पुर-ख़ुलूस सलाम आ. समर साहब। इनायत है आपकी। सेहतमंद रहें।

Comment by दिनेश कुमार on December 26, 2017 at 6:42pm

तहे दिल से शुक्रिया आ. सुरेंद्र नाथ जी। इनायत।

Comment by दिनेश कुमार on December 26, 2017 at 6:39pm

बहुत बहुत शुक्रिया आ. राम अवध जी। मेहरबानी आपकी। 

Comment by दिनेश कुमार on December 26, 2017 at 6:38pm

बहुत बहुत शुक्रिया आ. अजय तिवारी साहब। नज़रे-इनायत है आपकी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
52 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
4 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
4 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जू भाई, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं. सादर "
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service